17 वें उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव  आज , आकड़ों में NDA  आगे, विपक्ष को है क्रॉस वोटिंग के असार

Shwetabh Singh
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नई दिल्ली.  देश के 17वें उपराष्ट्रपति पद के लिए आज चुनाव है, जिसके लिए मतदान संसद भवन में होगा.  मुकाबला एनडीए उम्‍मीदवार महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन और इंडिया ब्‍लॉक के प्रत्‍याशी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है. उपराष्‍ट्रपति पद के लिए सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक वोटिंग होगी और छह बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी. मंगलवार शाम को देश को नया उपराष्‍ट्रपति भी मिल जाएगा. यह चुनाव 16वें उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से दिये गए इस्‍तीफे के बाद हो रहा है.

नंबर गेम NDA के साथ इंडिया ब्‍लॉक को ये आस
उपराष्‍ट्रपति पद के लिए वोटिंग होने से पहले ही पारदर्शी तरह  से साफ है. नंबर गेम में एनडीए आगे है. ऐसे में सी. पी. राधाकृष्णन का अगला उपराष्‍ट्रपति बनना तय माना जा रहा है. इस समय राज्यसभा में 239 और लोक सभा में 542 सांसद हैं यानि जीत के लिए 391 का आंकड़ा चाहिए. एनडीए के पास 425 सांसद हैं, जबकि उसे कुछ अन्य दलों के मत मिलने का भी भरोसा है. इसके बावजूद एनडीए काफी फूंक-फूककर कदम रख रही है. अतीत में अंतिम समय में हुई क्रॉस वोटिंग कई बार पूरा बना-बनाया खेल बिगाड़ चुकी है. ऐसे में एनडीए कोई कोताही नहीं बरतना चाहता है.

विपक्ष के पक्ष में कितने वोट

इंडिया ब्‍लॉक ये जानता है कि नंबर उसके पास नहीं हैं, लेकिन उसने अभी तक आस नहीं छोड़ी है. अंतिम समय तक कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे निर्दलीय सांसदों से संपर्क साधते रहे. विपक्ष के पास 324 वोट हैं. ऐसे में जीत का अंतर 100 से 125 के बीच रह सकता है. पिछले चुनाव में 2022 में जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया था. इस बार जीत का अंतर इतना बड़ा नहीं रहेगा, क्योंकि विपक्ष पहले की तुलना में मजबूत स्थिति में है. एनडीए सूत्रों का दावा है कि राज्य सभा में 150 वोट विपक्ष के उम्मीदवार के खिलाफ रहेंगे और उन्हें 90 से कम वोट मिलेंगे. इसी तरह लोकसभा में भी कुछ ऐसे सांसदों पर एनडीए की नजरें हैं, जो पार्टी लाइन से हट कर उनके साथ आ सकें. ऐसे में इंडिया ब्‍लॉक को आस सिर्फ क्रॉस वोटिंग से है. अगर ऐसा होता है, तो एनडीए को बड़ा झटका लग सकता है.

किस पाले में कौन-सी स्‍थानीय पार्टी?

• वायएसआरसीपी ने एनडीए के पक्ष में वोट डालने का ऐलान किया है. उसके राज्यसभा में सात और लोकसभा में चार सांसद हैं. इस तरह एनडीए के पक्ष में 436 सांसद हैं.

• आम आदमी पार्टी की स्वाति मालीवाल भी एनडीए के पक्ष में वोट डाल सकती हैं.

• बीआरएस और बीजेडी ने अभी अपना रुख तय नहीं किया है. संभावना है कि बीआरएस मतदान से गैरहाजिर रहे जबकि बीजेडी एनडीए का समर्थन कर सकता है.

• बीआरएस के राज्य सभा में चार और बीजेडी के सात सांसद हैं. बीआरएस फिलहाल खुल कर एनडीए के साथ नहीं आ सकता, क्योंकि अगले कुछ महीनों में जुबली हिल्स विधानसभा का उपचुनाव है और वहां मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी संख्या है.

• लोकसभा के सात निर्दलीयों में तीन कहां वोट डालेंगे, यह अभी पक्का नहीं है. इसी तरह अकाली दल, जेडपीएम और वीओटीटीपी के एक-एक सांसदों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है.


क्‍यों हो सकती है क्रॉस वोटिंग

उपराष्‍ट्रपति चुनाव के लिए मतदान गुप्‍त तरीके से होता है. ऐसे में किसने किसको वोट किया है, ये पता नहीं चल पाता है. देश के इतिहास में पहली बार 1998 में क्रॉस वोटिंग हुई थी. कांग्रेस प्रत्याशी की हार के बाद ओपेन बैलेट का नियम भी लाया गया, जिसके कारण हर विधायक को अपना मत पार्टी के मुखिया को दिखाना होता है, लेकिन क्रॉस वोटिंग अभी भी होती है.

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