वाराणसी। काशी हिन्दू विश्विद्यालय (BHU) के केंद्रीय कार्यालय के बाहर विगत आठ दिनों से पीएचडी प्रवेश परीक्षा अनियमितता के खिलाफ धरने पर बैठी छात्रा अर्चिता सिंह को प्रवेश के लिए पेमेंट लिंक मिल गया मिल गया। लिंक मिलते ही धरनास्थल पर बैठी छात्रा अर्चिता और उसका साथ दे रहे छात्र-छात्राओं के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
बीएचयू प्रशासन ने उसके ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को मान्य करते हुए अंततः उसे पीएचडी में प्रवेश दिया।
बता दे, इस सत्र में बीएचयू प्रशासन पर लगातार ही पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगते रहे, हिंदी विभाग में अर्चिता सिंह नाम की छात्रा जिसका रैंक 15वाँ था उसके प्रवेश को रोक कर अन्यायपूर्ण तथा भ्रष्ट तरीके से सत्ताधारी दल से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी के इकाई मंत्री भास्करादित्य त्रिपाठी को प्रवेश देने का षडयंत्र रचा जा रहा था जबकि उसका रैंक 18वाँ था।
इस अन्याय के खिलाफ पीड़ित छात्रा ने 16 दिन बीएचयू के तमाम दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद थक कर बीएचयू सेंट्रल ऑफिस के गेट पर धरना शुरू किया, यह धरना 8 दिनों तक चला और अंततः विश्वविद्यालय को यह मानना पड़ा कि छात्रा का प्रवेश जायज़ है।