वेद विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजन किया गया, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय :- काशी हिंदू विश्वविद्यालय

Uttam Savera News
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वाराणसी | आज दिनांक 15/02/ 2023 दिन बुधवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय मैं वेद विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें संगोष्ठी का विषय रहा “ वैदिक के विविध आयाम” यह संगोष्ठी दो सत्रों में रहा प्रथम सत्र उद्घाटन सत्र इस सत्र में मुख्य अतिथि प्रोफेसर कृष्णकांत शर्मा, सारस्वत अतिथि प्रोफेसर महेंद्र पाण्डेय मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर हृदय रंजन शर्मा रहे।

इस सत्र के अध्यक्ष के रूप में धर्म विज्ञान संकाय के संकाय प्रमुख प्रोफेसर कमलेश झा जी रहे और उन्होंने ही अध्यक्षीय उद्गबोधन दी। सभी आचार्य जनों का स्वागत व सम्मान वेद विभाग के विभाग विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर पतंजलि मिश्र ने अंगवस्त्र पुष्प व वेद तथा महामना जी के चित्र प्रदान कर किया एवं इस सत्र का धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर हरीश्वर दीक्षित जी ने की तथा

सत्र का संचालन डॉ.सुनील कात्यायन जी ने किया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से काशी के वेद के मूर्धन्य विद्वान आदरणीय लक्ष्मीकांत जी दीक्षित जी का सभी आचार्यों और छात्रों ने पूजन किया और उन्हें अंगवस्त्र,पुष्प वेद तथा महामना जी के चित्र प्रदान कर सम्मान किया गया। इसी के साथ वेद विभागीय आचार्य प्रोफेसर हरीश्वर दीक्षित साउथ वेस्टर्न अमेरिकन विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस इन

आयुर्वेद  प्रोफेसर उपेंद्र त्रिपाठी कुमार त्रिपाठी जी को स्वर्गीय पद्मश्री कपिल देव द्विवेदी स्मृति विश्व भारती सम्मान 2022 में प्राप्त होने पर विभाग व संकाय द्वारा अभिनंदन-पत्र प्रदान किया गया एवं द्वितीय सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर श्रीकिशोर मिश्र सारस्वत अतिथि प्रोफेसर विजय शंकर शुक्ला मुख्यवक्ता प्रोफेसर राममूर्ति चतुर्वेदी तथा सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर कमलेश झा जी ने की तथा इन

सभी का स्वागत वेदविभागाध्यक्ष प्रोफेसर पतंजलि मिश्र तथा तथा धन्यवाद ज्ञापन भी आचार्य मिश्र ने ही किया एवं सत्र का संचालन डॉक्टर नारायण प्रसाद भट्टराई जीने की इस एक दिवसीय संगोष्ठी में दर्जनों शोध छात्रों ने शोधपत्र भी प्रस्तुत किया। इस संगोष्ठी में विद्वानों द्वारा वेद को अपौरुषेय बताया गया तथा समस्त विकृति पाठ का मूल वेद की रक्षा है

हमारा सदैव संकल्प रहा है कि वेद की रक्षा सदैव होती रहे वेद का स्थान हमारी संस्कृति में सर्वोपरि है वेद ही स्वतंत्र प्रमाण है जहां श्रुति व स्मृति में विरोध होता है वहां श्रुति ही प्रमाण है ,यह आचार्य कृष्णकांत शर्मा जी का वक्तव्य रहा।

प्रोफेसर हृदयरञ्जन शर्मा जी ने कहा कि पूर्णता के साथ जुड़ना ही वेद का संदेश है और इस सकल चराचर जगत के यदि सार तत्व कोई है तो वह साक्षात नारायण स्वरूप वेद राशि ही है आचार्य विजय शंकर शुक्ला जी ने वैदिक मंत्रों की वैज्ञानिकता पर उद्गबोधन दिया और कहा कि वेद में ही सारे विज्ञान निहित हैं और वेद में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शोध होता रहे तो वह दिन दूर नहीं कि भारत विश्व गुरु बनेगा। संकाय प्रमुख आचार्य कमलेश झा जी ने शब्द ब्रह्म की व्याख्या की और नर और नारायण में अभिन्नता को बताया।

और अंत में वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पतंजलि मिश्र जी ने कहा कि अध्ययन के तीन ही आयाम है लोक, शरीर व आत्मतत्व और यह तीनों विषय वेद में ही निहित हैं और वेद का मुख्य कार्य मंगल करना है । यदि संपूर्ण जगत मंगलमय रहे इसके लिए सभी को वेद से जुड़ना होगा और सभी को जोड़ने का कार्य वेद विभाग करता रहेगा तथा वेद के ज्ञान विज्ञान को संपूर्ण जगत में प्रसारित पल्‍लवित व पुष्पित करने का कार्य हम सब मिलकर करते रहेंगे इस सेमिनार में संकाय के अन्य विभाग के सभी विभागाध्यक्ष व आचार्यगण उपस्थित रहे साथ ही साथ सैकड़ों छात्र तथा शोधार्थीगणों ने भाग लिया।

फोटो:वीडियो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)

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