बी.एच.यू के आई. एम. एस में 3 साल बाद पता चला इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है
वाराणसी | के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में आई एम एस के ऑक्यूपेशनल थेरेपी कोर्स के छात्र अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए छात्रों का आरोप है कि हमारे इस कोर्स को 3 साल हो कोर्स के नाम पर नाही फैकल्टी है, नहीं क्लासेज चलती हैं और क्लास के नाम पर कोई, ना ही कोई सुविधा है
हालांकि इस मामले को लेकर छात्रों ने अपने डायरेक्टर से लेकर सभी प्रोफेसर को भी यह बात बताई उनका यह कहना है कि मैंने यह कोर्स चालू ही नहीं किया मैं किसी भी तरह का रिस्पांस बोल नहीं हूं जबकि छात्र नेशनल लेवल का एंट्रेंस एग्जाम को क्वालीफाई करके बीएचयू के आई एम एस में ऑक्यूपेशनल थेरेपी कोर्स में एडमिशन लेते हैं
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऑक्यूपेशनल थेरेपी को बढ़ावा देते आ रहे हैं और बीएचयू प्रशासन का कहना है कि यह यह कोर्स फिजियोथैरेपी बंद किया जा रहा है छात्रों का कहना है कि अगर हम कुछ सीखेंगे ही नहीं तो हम ट्रीटमेंट यानी इलाज मरीजों का कैसे करेंगे जो कि मौजूदा स्थिति में 2 कोर्स इसके 6 बैच अभी चल रहे हैं छात्राओं का भी कहना है जब हमारी ड्यूटी ट्रामा सेंटर में हमें वहां कोई सिखाने वाला नहीं है तो हम इलाज कैसे करेंगे
प्रधानमंत्री के सांसदीय क्षेत्र में बीएचयू आईएमएस के डायरेक्टर ( प्रो. एस.के सिंह ) व कोर्स कोऑर्डिनेटर ( प्रो. अमित रस्तौगी) ने उदासीन रवैया अपनाते हुए वर्ल्ड फिजियोधेरेपी डे कार्यक्रम में छात्रों को बताया की आपका कोर्स बंद किया जा रहा हैं, अब आगे एडमिशन नहीं लिया जाएगा ।जिन मूलभूत सुविधाओं की मिलने की उम्मीद थी वह भी धराशायी हो गई।
हालांकि छात्रों ने इस मामले को लेकर लगातार बीएचयू प्रशासन डायरेक्टर को मामले की जानकारी देते आए हैं और तो और सबसे बड़ी बात यह छात्रों का कहना है कि हमें फर्जी आश्वासन का लेटर बनाकर भी दे दिया गया था बहराल इस बीच जब छात्रों से बात करने उनके डायरेक्टर (प्रो. एस.के सिंह) आए मीडिया से बात करने से के लिए मना कर दिया | इस बीच जब उत्तम सवेरा की टीम ने डायरेक्टर सर के चेंबर में जाने की कोशिश की गई तो मीडिया के मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया जाता है इससे यह साफ हो जाता है की आई एम एस के छात्र छात्राओं को अंधेरे में रखकर यह कोर्स चलाया जा रहा है |
फोटो:वीडियो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)