पं. छन्नूलाल मिश्र: तेरहवीं को लेकर भाई-बहन आमने-सामने

Aman Pandey
Aman Pandey
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वाराणसी . गायकी के उस्ताद पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र के निधन के बाद पारिवारिक विवाद खुलकर सामने आने लगे हैं. बेटी डॉ. नम्रता मिश्रा और बेटे पं. रामकुमार मिश्र दोनों अपने पिता  की तेरहवीं अलग-अलग मनाएंगे. डाॅ. नम्रता ने भाई पर परंपराओं का निर्वहन न करने का आरोप लगाया है.

 

उन्होंने कहा है कि बेटे ने अपना फर्ज नहीं निभाया और पिताजी के निधन के बाद अंतिम संस्कार भी रस्मों के अनुसार नहीं कराया गया। वहीं पुत्र ने आरोप लगाया है कि पिताजी की संपत्ति बेच दी गई और मुख्यमंत्री से भी नकली रिश्तेदारों को मिलवाया गया था

 

लंबी बीमारी के बाद 2 अक्तूबर को पं. छन्नूलाल मिश्र का निधन हुआ था. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया था. डॉ. नम्रता मिश्रा ने कहा कि पिताजी जैसे सनातनी व्यक्ति जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम नाम लेकर बिताया, ऐसे व्यक्ति जिनका जीवन धर्म और अध्यात्म पर टिका था, उनकी तेरहवीं न होना और उनके अंतिम संस्कार का विधि-विधान अनुसार न होना बेहद कष्टदायक है. पिताजी हमेशा चाहते थे कि उनका हर कार्य पूरे विधि-विधान और संस्कारों के साथ हो. वह प्रतिदिन शालिग्राम भगवान को स्नान कराकर भोग लगाते थे और अपने जीवन के आखिरी समय में भी रामधुन गा रहे थे.

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