पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आज, यानी 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. थोड़ी देर में, सुबह 8 बजे से, राज्य के 46 मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती शुरू होने वाली है. यह चुनाव बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए हुआ है, जिसमें सरकार बनाने के लिए किसी भी गठबंधन को 122 सीटों के जादुई आंकड़े को छूना होगा.
राज्य में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसमें इस बार रिकॉर्ड 66.90% (कुछ सूत्रों के अनुसार 67.13%) मतदान दर्ज किया गया है, जो 2020 की तुलना में लगभग 9% अधिक है. मतदान में यह उछाल राजनीतिक समीकरणों में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है, जिससे दोनों प्रमुख गठबंधनों की धड़कनें तेज हैं.
2025 का बिहार विधानसभा चुनाव सियासत के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि यह राज्य की दिशा और विकास नीतियों को प्रभावित करेगा. दोनों गठबंधन पूरी ताकत से चुनाव लड़े हैं और चुनाव नतीजे से बिहार की नई सियासी तस्वीर सामने आएगी. इस चुनाव के नतीजों से देश भर के राजनीतिक गलियारों में हलचल होगी क्योंकि बिहार एक बड़ी और निर्णायक राजनीतिक हल्का माना जाता है.
बिहार चुनाव में कौन से राजनीतिक दल अहम?
बिहार के चुनावी मैदान में भारतीय जनता पार्टी (BJP), नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यू), चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतम राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) हैं, जो सत्तारूढ़ एनडीए का हिस्सा हैं.
दूसरी तरफ, महागठबंधन में तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी (VIP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन शामिल हैं.
तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल (JJD), पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) और असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भी मैदान में हैं.
