वाराणसी: पिंडरा तहसील लेखपाल संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर 3 नवंबर को दिया गया।
ज्ञापन में मुख्य रूप से लेखपाल पद की शैक्षणिक योग्यता और पदनाम में परिवर्तन, प्रारंभिक वेतनमान का उच्चीकरण, एसीपी विसंगति, मृतक आश्रित लेखपालों की पुरानी पेंशन विसंगति, राजस्व निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार के अतिरिक्त पदों का सृजन जैसी मांगें शामिल हैं। इसके अलावा, स्टेशनरी भत्ता 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने, नियत यात्रा भत्ता के स्थान पर वाहन/मोटरसाइकिल भत्ता लागू करने और विशेष वेतन भत्ता 100 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह करने की भी मांग की गई है। संघ का कहना है कि ये सभी मूल मांगें सैकड़ों पत्राचार और विभागीय सहमति के बावजूद नौ वर्षों से लंबित हैं।
संघ ने बताया कि लगभग 3000 लेखपाल अपने परिवारों से 500 से 1000 किलोमीटर दूर भय और तनाव के माहौल में नौकरी कर रहे हैं। अंतर्मंडलीय स्थानांतरण के लिए 23 अगस्त 2018 को जारी शासनादेश के अनुसार परिषद ने ऑनलाइन आवेदन मांगे थे, लेकिन स्थानांतरण सूची अभी तक जारी नहीं की गई है, जबकि अन्य विभागों के हजारों कर्मचारियों के स्थानांतरण हो चुके हैं।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि मुख्यमंत्री के 2 जुलाई 2025 और 3 सितंबर 2025 के निर्देशों के बावजूद, राजस्व निरीक्षक पदों पर पदोन्नति के लिए चयन वर्ष 2025-26 की डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) अभी तक नहीं हो पाई है।
ज्ञापन सौंपते समय उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ उप शाखा तहसील पिंडरा, वाराणसी के अध्यक्ष राजेश कुमार और मंत्री संतोष सिंह, सुशील श्रीवास्तव, संतोष पटेल, नीरज, दिलीप गोड़ सहित अन्य लेखपाल उपस्थित रहे।
