दरोगा पर हमले के बाद 10 नामजद व 60 अज्ञात वकीलों पर FIR, हत्या के प्रयास की धारा भी लगी

Shwetabh Singh
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वाराणसी. मंगलवार को वाराणसी कचहरी परिसर में बड़ागांव थाने के दरोगा मिथिलेश प्रजापति और एक सिपाही पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने देर रात बड़ी कार्रवाई की है. घायल दरोगा की शिकायत पर कैंट थाने में 10 वकीलों को नामजद करते हुए 60 अज्ञात वकीलों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. एफआईआर में हत्या के प्रयास, डकैती और बलवा सहित कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं.

यह घटना तब हुई जब दरोगा और सिपाही एक रिमांड पर्चा लेने कचहरी परिसर पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि यह विवाद पुआरी खुर्द गांव में एक जमीन विवाद से जुड़ा है. पुलिस के मुताबिक, दरोगा ने समाधान दिवस के दौरान इसी विवाद में शामिल दो पक्षों में से एक वकील को कथित तौर पर चोट पहुँचाई थी, जिससे वकील नाराज हो गए थे.

 

क्या है पूरा मामला?

पुआरी खुर्द गांव में मोहित कुमार सिंह और प्रेमचंद्र मौर्या के बीच जमीन के एक टुकड़े को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. दोनों पक्ष आराजी संख्या 125 और 126 पर अपने-अपने दावे कर रहे हैं. मोहित का आरोप है कि प्रेमचंद्र अस्थायी स्थगन आदेश के बावजूद निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं, जबकि प्रेमचंद्र का कहना है कि वे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपनी जमीन पर वैध निर्माण कर रहे हैं. इस विवाद के कारण दोनों पक्षों के बीच कई बार झड़प हो चुकी है.

 

समाधान दिवस में हुई झड़प बनी हमले की वजह

13 सितंबर को समाधान दिवस के दौरान पुलिस दोनों पक्षों को समझाने गई थी, लेकिन उनके सामने ही दोनों भिड़ गए. पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में दोनों को न्यायालय भेजा. इसी दौरान आरोप लगा कि दरोगा ने एक वकील को घायल कर दिया, जिससे वकीलों में आक्रोश फैल गया.

 

कचहरी में हमला और पुलिस की कार्रवाई

मंगलवार को जब दरोगा मिथिलेश प्रजापति और सिपाही कचहरी परिसर पहुंचे, तो वकीलों के एक समूह ने उन पर हमला कर दिया. मारपीट में दरोगा की वर्दी फाड़ दी गई और उन्हें गंभीर चोटें आईं. उन्हें पहले दीनदयाल अस्पताल और फिर बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया.

घटना के तुरंत बाद जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, एडिशनल पुलिस कमिश्नर शिवहरि मीणा सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और पूरे परिसर को छावनी में बदल दिया गया. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की पहचान की. देर रात करीब 12:45 बजे दरोगा की शिकायत पर कैंट थाने में मामला दर्ज किया गया.

 

इन धाराओं में दर्ज हुआ केस

एफआईआर में 10 नामजद आरोपियों – अजीत मौर्या, मोहित मौर्या, अजीत वर्मा उर्फ राजा, राजन पांडेय, शेखर यादव, अजीत सिंह, सुमित सिंह, आलोक सौरभ, प्रकाश शंकर श्रीवास्तव और ईशान – के साथ-साथ 60 अज्ञात वकीलों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इन पर हत्या का प्रयास, डकैती, बलवा, सरकारी कर्मचारी पर हमला और सरकारी काम में बाधा डालने सहित कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं.

प्रशासन ने दी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

 

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है. पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. दोनों बार एसोसिएशनों ने भी इस घटना की निंदा की है और पुलिस कार्रवाई का समर्थन किया है. फिलहाल कचहरी परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

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