ब्रह्मराष्ट्र एकम संस्था ने दिल्ली कुलपति जे एन यू का किया विरोध

Uttam Savera News
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वाराणसी | ब्रम्हाराष्ट्र एकम संस्था एक सनातनी वैश्विक मंच हैं जो अपने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार से अपने संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य करती है।
अभी हाल ही में जे० एन० यू० की कुलपति महोदया शांतिश्री धुलीपुड़ी ने देवी देवताओं को लेकर अपने आपत्ति जनक टिप्पणी से एक बड़ा मुद्दा खड़ा कर दिया है। उन्होंने भगवान को निशाना साधते हुए कहा कि भगवान भी एस सी / एस टी जाति के हो सकते हैं वो कोई उच्च जाति के नही हैं और भगवान शिव को आदिवासी बताया साथ में अन्य भगवान को भी निम्न जाति से जोड़कर हमारी सनातन आस्था का मजाक बनाया हैं। उन्होंने ये बात दिल्ली के एक सेमिनार कार्यक्रम के दौरान भरी सभा मे कह दिया। वामपंथी विचारों से प्रेरित कुलपति महोदया इस सम्बन्ध में जे एन यू में ABVP कार्यकर्ताओ की खूब पिटाई भी कराई और राष्ट्रीय हिन्दू विचारों को दबाने का प्रयास लगातार करती आ रही हैं।जैसा कि सर्वविदित है कि सबका मालिक एक अर्थात ईश्वर एक समान हैं , उनकी कोई जाति , धर्म नहीं।
जिस प्रकार से कुलपति प्रो शांति श्री जी ने विश्वविद्यालय के उच्च पद पर बैठ कर ये बात कही है ये अत्यंत दुखद और चिंताजनक का विषय है। इस विषय पर गहन विचार करते हुए सनातन धर्म को बढ़ावा देने वाली संस्था व सचिन सनातनी द्वारा स्थापित ब्रम्हाराष्ट्र एकम संगठन इसका पुरजोर विरोध करती है।माननीय प्रधानमंत्री जी , इस संदर्भ में हम लोग काशी के पीएमओ कार्यालय में आज अपना प्रत्यावेदन दे रहें हैं। ब्रम्हाराष्ट्र एकम परिवार के वरिष्ठ न्यास सतीश चन्द्र सनातनी , अजय, धीरेंद्र , संतोष, सुजीत,अंशुल, प्रेम, आशुतोष, पवन, राकेश, गौरव, आदित्य, गोलू, राजेश, अरविन्द, नृपेंद्र आदि सनातनीगण इस मौके पर मौज़ूद रहें। हम सभी सनातन भाई लोग इस बात का पूर्ण रूप से खंडन करते हैं।
किसी विश्वविद्यालय में सब शिष्य एक समान माने जाते हैं वहीं एक शिक्षा क्षेत्र की उच्चाधिकारी के मुख से ये शब्द अत्यंत चिंताजनक का विषय बन चुका है। ऐसे हमारे सनातन धर्म को और सभी सनातनियो को आघात पहुँची है।
अतः आपसे निवेदन है कि इस खबर को प्रकाशित कर उनके विवादित बयानों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाय साथ में भारत सरकार वाइस चांसलर को उनके पदों से भी मुक्त करें।

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