रामसेतु के पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक अध्ययन पर सर्टिफिकेट कोर्स तैयार

Uttam Savera News
Uttam Savera News
3 Min Read

स्कूल ऑफ राम ने तैयार किया है आर्कियोलॉजिकल एंड साइंटिफिक स्टडी नामक सर्टिफिकेट कोर्स जिसकी अवधि एक सप्ताह है।

● रामसेतु के पुरातात्विक,खगोलीय,वैज्ञानिक,आध्यात्मिक एवं सरकारी साक्ष्यों को एकत्रित कर तैयार किया है कोर्स का पाठ्यक्रम। यह अपने आप में देश का पहला अनोखा प्रयास है।

उत्तर प्रदेश/वाराणसी
विश्वभर की प्राचीन रामायणों,रामकथा से सम्बधित वांड्मय में इस राम सेतु के निर्माण का वर्णन है। नल नामक वानर अभियंता ने सुग्रीव की वानर सेना की सहायता से मात्र पाँच दिन में जिस सुदृढ़ सेतु का निर्माण सम्भव कर दिखाया,उसमें जनजातियों ही नहीं; गिलहरी जैसे लघुकाय प्राणियों का भी आत्मिक सहयोग रहा।
महर्षि अरविंद घोष ने आज से सौ वर्ष पहले ही कह दिया था कि इस देश के इतिहास में वह दिन सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण था,जब हमारे तथाकथित पढ़े-लिखे लोगों ने अपने प्रचीन ग्रंथों को सर्वथा कपोल कल्पित मान लिया था। ऐसा मानना है स्कूल ऑफ राम के संस्थापक एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,वाराणसी में अध्यनरत प्रिंस तिवाड़ी का। प्रिंस तिवाड़ी ने बताया कि रामसेतु जोकि विश्व का सबसे पुरातन वैदिक गणनानुसार 28 वें मन्वन्तर के 24 वें त्रैता युग में 1 करोड़ 81 लाख 58 हजार 60 ईशा वर्ष पूर्व तथा भारतीय मान्यता अनुसार लगभग 17.50 लाख वर्ष त्रैता युग के मध्य एवं वर्तमान वैज्ञानिकी ज्योतिषीय,खगोलीय एवं पुरातात्विक खोजों के आधार पर 7 से 10 हजार वर्ष पुराना है तथा 48 किमी लम्बा 4-5 किमी चौड़ा तथा दो समुद्र के बीच दीवार रूप में अज्ञात गहराई वाला है।
जो हमारी प्राचीन मानव सभ्यता का जीवंत उदाहरण है।
अतः हमारा नैतिक कर्तव्य है कि रामसेतू के बारे में हम अपनी आने वाली नई पीढ़ी को भी बताएं तथा उसका संरक्षण करें। ताकि रामसेतू युगों-युगों तक सुरक्षित रहकर वैज्ञानिकता के साथ कालजयी भारतीय संस्कृति को सम्पूर्ण विश्व में प्रतिष्ठित कर मानव सभ्यता एवं प्रकृति का परस्पर पोषण कर सके तथा सम्पूर्ण विश्व के वैज्ञानिकों,इतिहासकारों एवं पुरातत्ववादियों के लिए भी विकास के नए द्वारा खुलें।
हम अपने इस एक सप्ताह के सर्टिफिकेट कोर्स में रामसेतु के पुरातात्विक,आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक तथ्यों को आधार मानकर अध्ययन-अध्यापन करेंगे।

कोर्स की अवधि एक सप्ताह होगी –
कोर्स संचालक प्रिंस ने बताया कि आर्कियोलॉजिकल एंड साइंटिफिक स्टडी ऑफ राम सेतु नामक इस सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक सप्ताह होगी। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र के महिला-पुरुष,बालक-बालिका इस कोर्स का अंग बन सकते हैं ! इस कोर्स में उम्र की कोई बाध्यता नहीं हैं । फॉर्म भरने की अंतिम तिथि शनिवार 5 नवम्बर 2022 है। 7 नवबंर से यह कोर्स शुरू होगा।

Share this Article
Leave a comment