गंगा तट स्थित दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति द्वारा सोमवार की शाम को उन वीर जवानों की याद में आकाशदीप जलाए गए, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर लोगों की सुरक्षा की।
इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों की आंखों में आंसू थे। दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए यह आयोजन दिव्य कार्तिक मास में किया गया, जिसमें गंगा तट, सरोवरों, कूपों, बावड़ियों और घर की छतों पर आकाशदीप जलाने की प्रथा का पालन किया गया। यह परंपरा काशी में सदियों से चली आ रही है।
आकाशदीप प्रज्वलन के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया वाराणसी के रणविजय सिंह और विशिष्ट अतिथि महामंडलेश्वर सुख देव जी महाराज, जो हरिद्वार से आए थे, उपस्थित रहे। पीएसी बैंड की धुन के साथ मुख्य अतिथियों ने शहीदों की याद में आकाशदीप प्रज्ज्वलित किए। गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं० किशोरी रमण दुबे और सचिव दिनेश शंकर दुबे ने बताया कि कार्तिक मास का कोई अन्य महीना नहीं है। इस माह में आकाशदीप जलाने की परंपरा महाभारत काल से चली आ रही है, जब वीरों की याद में आकाशदीप जलाए जाते थे।
इस प्रकार, दशाश्वमेध घाट पर आयोजित यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम न केवल शहीदों की याद में एक भावुक पल था, बल्कि यह काशी की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को भी दर्शाता है। इस आयोजन ने सभी उपस्थित लोगों को एकजुट किया और शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया। इस प्रकार, गंगोत्री सेवा समिति द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का एक माध्यम था,