देश भर से आए आदिवासी लोक नर्तकों की यादगार प्रस्तुति से हुआ शाश्वत भारत : कला यात्रा का समापन

Uttam Savera News
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पद्मविभूषण डॉ. सोनलमानसिंह की प्रस्तुति त्रिदिवसीय नृत्य संगीत का महा संगम – शाश्वत भारत: कलायात्रा 2023 में 170 कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से कार्यक्रम को यादगार बनाया

नई दिल्ली,8 मई : विश्व प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय नृत्य गुरु पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह की प्रस्तुति शाश्वत भारत : कला यात्रा 2023 का आयेजन दिल्ली के कमानी सभागर में 6 से 8 मई तक किया गया l तीन दिन तक चले इस कला महोत्सव में देश भर से 170 कलाकारों ने हिस्सा लिया व अपनी प्रस्तुति दी | शाश्वत भारत : कला यात्रा का समापन देश भर से आए आदिवासी लोक नर्तकों की यादगार प्रस्तुति से हुआ l आदिवासी लोक नृत्य की शुरूआत तेलंगाना के गुसाडी नृत्य से हुआ |

उसके बाद झारखंड के कलाकार द्वारा मर्दाना झूमर नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों से खचाखच भरे कामनी सभागार को झूमने पर मजबूर कर दिया | मध्यप्रदेश के भगोरिया एवं तमिलनाडु के थमत्तम आदिवासी नृत्य की विहंगम प्रस्तुति ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया | ओडिसा के संथाली नृत्य ने भी लोगों को आनंदित किया | शाश्वत भारत के अन्तिम दिन के कार्यक्रम का समापन गुजरात के मनियारो रास से हुआ |
दिल्ली के कमानी सभागार में तीन दिन तक चले शाश्वत भारत : कला यात्रा का भव्य शुरुआत 6 मई 2023, शनिवार को पद्म विभूषण डॉक्टर सोनल मान सिंह की यादगार प्रस्तुति संत मीरा बाई के जीवन पर आधारित नाट्य कथा : मीरा से हुआ। डॉ. सोनल मानसिंह द्वारा मीरा के रूप में अदभूत एवं यादगार प्रस्तुति ने कमानी सभागार में उपस्थित दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया |
6 से 8 मई 2023 तक आयोजित हुआ यह कार्यक्रम भारत की सदाबहार सांस्कृतिक विविधता को समर्पित था। श्री कामाख्या कला पीठ सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांसेस की ओर से शाश्वत भारत महोत्सव : कलायात्रा 2023 आयोजित किया गया था ।
कामख्याकलापीठ केंद्र की संस्थापिका और महोत्सव की निदेशक पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह ने कहा, शाश्वत भारत महोत्सव दिल्ली के सांस्कृतिक आकाश को तरह-तरह की विविध संस्कृति के आसमानी इंद्रधनुषी रंगों, बेहतरीन परफॉर्मेंस और त्योहार की उमंग से रंग देने का एक सुंदर प्रस्तुति था।

“शाश्वत भारत महोत्सव-अनंत भारत का जश्न” में देश भर से 170 प्रसिद्ध कलाकार अपनी परफॉर्मेंस का नजारा पेश किया। यह महोत्सव अपनी तरह का अनोखा महोत्सव रहा। इसमें नृत्य, संगीत और नाटक सभी विधाएं शामिल थी। इसमें इन कलाओं के पारंपरिक एवं लोक कला के विधाओं को पेश किया गया।
महोत्सव के दूसरे दिन लोकगीत और लोकसंगीत मुख्य आकर्षण रहा । अरुणाचल प्रदेश के डेलोंग पडुंग और समूह, गुजरात के योगेश भाई गढ़वी और समूह, राजस्थान के उस्ताद अनवर खान मंगानियार और समूह तथा बिहार की लोक गायिका मैथिली ठाकुर और उनका समूह ने अपनी शानदार लोक गायन से संगीत प्रेमियों का मन मोह लिया ।
पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह ने शाश्वत भारत के सफलतम समापन पर कहा कि,इस महोत्सव में हम नृत्य, संगीत और थियेटर के पारंपरिक एवं लोक नृत्य संगीत कला की विविधता को दुनिया के सामनेबी पेश किया। हमने भारत की समृद्ध विविधता का जश्न मनाया। इन तीन दिनों में शाश्वत भारत कला यात्रा में भारत की समृद्ध विविधता का भव्य जश्न देखने को मिला ।

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