वाराणसी . धर्मनगरी काशी में सोमवार रात से मौसम ने खतरनाक मोड़ ले लिया है. पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के सक्रिय होने से वाराणसी और आसपास के इलाके घने कोहरे की चादर में लिपटे हुए हैं. सोमवार रात करीब 9:30 बजे के बाद दृश्यता (Visibility) में अचानक इतनी गिरावट आई कि एयरपोर्ट क्षेत्र में यह शून्य तक पहुँच गई, जिससे हवाई, रेल और सड़क यातायात पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया.
हवाई सेवाएं रही ठप
खराब मौसम का सबसे ज्यादा असर बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पड़ा. अकासा एयर (QP 1491): मुंबई से 176 यात्रियों को लेकर वाराणसी पहुँचे विमान को एटीसी ने लैंडिंग की अनुमति नहीं दी. करीब 35 मिनट तक हवा में चक्कर लगाने के बाद विमान को कोलकाता डायवर्ट करना पड़ा.
एयरपोर्ट पर दृश्यता 50 मीटर से भी कम होने के कारण पायलटों को इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) का सहारा लेना पड़ा, लेकिन शून्य विजिबिलिटी के चलते उड़ानें सामान्य नहीं हो सकीं.
रेलवे पर कोहरे की मार: वंदे भारत का बुरा हाल
घने कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। सबसे ज्यादा प्रभावित सेमी-हाईस्पीड ट्रेनें रहीं. वंदे भारत एक्सप्रेस (22416) नई दिल्ली से वाराणसी आने वाली यह ट्रेन सोमवार रात 11:05 बजे पहुँचनी थी, लेकिन कोहरे के कारण यह 14 घंटे की देरी से मंगलवार दोपहर करीब 1:00 बजे कैंट स्टेशन पहुँच सकी.
स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस (9.30 घंटे), शिवगंगा एक्सप्रेस (2.40 घंटे) और कुंभ एक्सप्रेस (5 घंटे) जैसी प्रमुख गाड़ियाँ भी घंटों विलंबित रहीं. कई ट्रेनों को 2 से 6 घंटे तक रीशेड्यूल करना पड़ा.
सड़क मार्ग रेंगते रहे वाहन, जाम जैसे हालात
शहर की सड़कों और हाईवे पर रात के समय दृश्यता कम होने से वाहनों की गति 10-20 किमी प्रति घंटा रह गई. चालकों को फॉग लाइट और इंडिकेटर के सहारे किसी तरह रास्ता पार करना पड़ा। प्रशासन ने बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है.
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24 घंटों तक राहत मिलने की उम्मीद कम है. पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से ठंड और बढ़ेगी और देर रात व तड़के कोहरा और भी घना हो सकता है.
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