वर्षगाठ पर हवन-पूजन, बाबा के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

Uttam Savera News
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श्री काशी विश्वनाथ धाम अपना एक वर्ष आज 13 दिसंबर को पूरा कर लिया है. पिछले एक साल में श्रद्धालुओं ने बाबा को ₹100 करोड़ रूपए मूल्य तक का चढ़ावा चढ़ाया है. इन एक वर्षों में दरबार में 7.35 करोड़ श्रद्धालुओं ने दरबार में मत्था टेका है

वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ने आज 13 दिसंबर को अपना एक साल पूरा कर लिया है. लोकार्पण के पहले वर्षगांठ पर सुबह 11 बजे से ही धाम में पूजन-हवन का कार्यक्रम चल रहा है. यजमान के रुप में मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा, मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा और शहर दक्षिणी विधायक नीलकंठ तिवारी है.

वहीं लोकार्पण के वर्षगांठ पर बाबा के दरबार में भारी संख्या में दर्शनार्थी भी पहुंचे है. पूरा मंदिर प्रांगण हर हर महादेव के उद्घोष के गुंजायमान है. वहीं शाम को बाबा दरबार में अनुराधा पौडवाल अपने भजनों की वर्षा करेंगी. जिसको लेकर काफी उत्साह है.

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि धाम के लोकार्पण से अब तक श्रद्धालुओं द्वारा लगभग ₹100 करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया गया है. जिसमें 50 करोड़ से अधिक की नकदी दान की गयी है. इसमें से 40 प्रतिशत धनराशि आनलाइन सुविधाओं के उपयोग से प्राप्त हुई है.

वहीं श्रद्धालुओं द्वारा लगभग 50 करोड़ से अधिक की बहुमूल्य धातु (60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 1500 किलो तांबा) भी है. आस्थावानों द्वारा दिये गये सोना व तांबे का प्रयोग करके गर्भगृह की बाहरी एवं आंतरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है.

अधिकारी के अनुसार एक साल के भीतर 100 करोड़ रुपए से अधिक का अर्पण मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है. साथ ही गत वर्ष की तुलना में ये राशि लगभग 500 प्रतिशत से अधिक है.सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद से लेकर अबतक मंदिर में 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है।

बता दें कि धाम परिसर के चारों द्वार पर लगे हेड स्कैनिंग मशीन के जरिए नियमित अंतराल पर श्रद्धालुओं की गिनती की जाती है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण और मुआवजा में तकरीबन 900 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.

आने वाले समय में धाम में सुविधाओं के विस्तार से भक्तों की संख्या बढ़ना निश्चित है, जिससे शिवभक्तों की ओर से चढ़वा भी बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि चढ़ावे के अलावा कॉरिडोर में बने भवनों से भी अतिरिक्त आय होगी. माना जा रहा है कि कॉरिडोर की लगात अगले 4 से 5 साल में भक्तों के चढ़ावे और परिसर में नवनिर्मित भवनों से होने वाली आय से पूरी कर ली जाएगी.

मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद मंदिर न्यास द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं में लगातार बेहतरी का प्रयास किया गया है. पेयजल व्यवस्था, छाया की व्यवस्था, मैट व अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है. सुगम दर्शन व्यवस्था में 50 कर्मचारी कार्यरत हैं,

जबकि साफ सफाई व्यवस्था में 200 कर्मियों एवं दर्शनार्थियों को बेहतर सुरक्षा एवं सुविधा देने के लिए 100 कर्मियों को लगाया गया है. इसके अलावा लॉकर, हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं. मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले वृद्ध व दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था की गयी है.

उन्होंने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम का नव्य भव्य स्वरूप होने के कारण वाराणसी में पर्यटकों व दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है. इसकी वजह से परिवहन, होटल, गेस्टहाउस, नाविकों, श्रमिकों, वस्त्र उद्योग, हेंडीक्राफ्ट व अन्य व्यवसाय से अर्थव्यवस्था भी रफ़्तार पकड़ रही है.

दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि पहले एक साल में काशी में 1 करोड़ पर्यटक आते थे, अब एक महीने में ही इतने पर्यटक बनारस आ रहे हैं.

फोटो:वीडियो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)

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