वाराणसी. शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रम्चारिणी का पूजा करने का मान्य है. काशी में माता ब्रम्चरिणी का मंदिर दुर्गा घाट के पास स्थित है. यहाँ सुबह से ही भक्तो की लंबी कतार लगी है. और भक्त अपने दर्शन का इंतज़ार कर रहे है.
पढ़ाई में कमजोर बच्चों को मिलेगी कृपा मंदिर के महंत ने बताया कि नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है. जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं,वे अगर नियमित रूप से भगवती ब्रह्मचारिणी की आराधना और मंत्र जप करें तो उनकी कठिनाइयां दूर होंगी. माता की कृपा से अच्छे अंक आएंगे, नौकरी मिलेगी और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ेगी.
धार्मिक मान्यता है कि माँ ब्रह्मचारिणी ब्रह्मा जी की पुत्री हैं. ‘ब्रह्म’ का अर्थ है तपस्या और ‘चारिणी’ का अर्थ है आचरण करने वाली. माँ का यह रूप तप, साधना और त्याग का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि जो भक्त पूरे श्रद्धा भाव से माँ की आराधना करता है, उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है, धन-धान्य की कमी नहीं रहती और जीवन में यश-कीर्ति की वृद्धि होती है.
मंदिर के महंत ने बताया कि नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है। जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं, वे अगर नियमित रूप से भगवती ब्रह्मचारिणी की आराधना और मंत्र जप करें तो उनकी कठिनाइयां दूर होंगी. माता की कृपा से अच्छे अंक आएंगे, नौकरी मिलेगी और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ेगी.