वाराणसी। स्वामी शिवानंद काशी के रहने वाले थे। उन्हें योगगुरु के नाम से भी जाना जाता थे । बताया जाता है कि उनका जन्म 8 अगस्त 1896 को सिलेट जिले के हरीपुर गांव में हुआ था ( वर्तमान में बांग्लादेश में) स्वामी जी का कहना था कि योग, प्राणायाम और घरेलू उपचार स्वस्थ रहने का मूलमंत्र था। स्वामी शिवानंद रोजाना सुबह 3 बजे उठते थे और फिर योगासन व श्रीमद भगवद् गीता का पाठ करते थे।
स्वामी शिवानंद बंगाल से काशी पहुंचे और गुरु ओंकारानंद से शिक्षा लेने के बाद उन्होंने योग और ध्यान में निपुणता प्राप्त कर ली। भारत की आजादी के समय स्वामी शिवानंद की आयु करीब 50 वर्ष की थी। यानि उन्होंने आजादी के संघर्ष को भी देखा और आजादी के बाद भारत की तरक्की के साक्षी भी बने थे ।
बताया जाता है कि बहुत कम उम्र में ही उन्होंने अपने माता-पिता और बहन को खो दिया। योग की शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने गुरु के निर्देश पर उन्होंने 34 साल तक दुनिया के कई देशों का दौरा किया था। वे लंदन, ऑस्ट्रेलिया, अन्य यूरोपीय देश और रूस जैसे देशों की यात्रा कर चुके थे।
वे चमक-दमक की दुनिया से दूर रहना पसंद करते हैं और सादा जीवन में गहरी आस्था रखते हैं ।स्वामी शिवानंद आज भी उबला खाना खाते हैं।
PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर योग गुरु को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा “योग साधक और काशी निवासी शिवानंद बाबा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। योग और साधना को समर्पित उनका जीवन देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। योग के जरिए समाज की सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया था। शिवानंद बाबा का शिवलोक प्रयाण हम सब काशीवासियों और उनसे प्रेरणा लेने वाले करोड़ों लोगों के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं इस दुःख की घड़ी में उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।”
https://x.com/narendramodi/status/1918896278567592353
CM योगी ने भी बाबा शिवानंद को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा ” ‘योग’ के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान देने वाले काशी के प्रख्यात योग गुरु ‘पद्म श्री’ स्वामी शिवानंद जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
आपकी साधना एवं योगमय जीवन संपूर्ण समाज के लिए महा प्रेरणा है। आपने अपना पूरा जीवन योग के विस्तार में समर्पित कर दिया। बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
https://x.com/myogiadityanath/status/1918876292017197245