IIT कानपुर के प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी बने बीएचयू के नए VC

Shwetabh Singh
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वाराणसी. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के प्रतिष्ठित प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) का नया कुलपति नियुक्त (Vice Chancellor)किया गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) से प्राप्त पत्र के बाद गुरुवार सुबह इस आशय की जानकारी बीएचयू कुलसचिव कार्यालय को मिली. सात महीने से रिक्त पड़े इस पद पर प्रोफेसर चतुर्वेदी की नियुक्ति के साथ ही बीएचयू को नया नेतृत्व मिल गया है. अब तक रेक्टर प्रो. संजय कुमार कुलपति का कामकाज संभाल रहे थे.

प्रो अजीत कुमार चतुर्वेदी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के जाने-माने विद्वान हैं. उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की शिक्षा लखनऊ से प्राप्त की और उसके बाद कानपुर से बी.टेक, एम.टेक और पीएचडी की डिग्री हासिल की. वह आईआईटी कानपुर में इसी विभाग के अध्यक्ष भी रहे हैं. इसके अतिरिक्त, उन्होंने आईआईटी कानपुर में डीन अनुसंधान एवं विकास और उपनिदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी हैं. प्रोफेसर चतुर्वेदी आईआईटी रुड़की के निदेशक भी रह चुके हैं और आईआईटी मंडी की स्थापना के बाद उन्होंने वहां कार्यवाहक निदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान की हैं. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए प्रभावी होगी.

शिक्षा और उपलब्धियां
प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने आईआईटी कानपुर से ही बी.टेक., एम.टेक. और पीएचडी की डिग्रियां प्राप्त की हैं.  उन्हें INSA टीचर्स अवार्ड, आईआईटी कानपुर का विशिष्ट शिक्षक पुरस्कार, सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी का टैन चिन तुआन फैलोशिप, और कई अन्य सम्मान भी मिले हैं. वे टेलीकॉम स्टैंडर्ड्स डेवलपमेंट सोसाइटी ऑफ इंडिया (TSDSI) के संस्थापक सदस्य भी हैं.
 प्रो चतुर्वेदी का विश्विद्यालय से है पुराना नाता
प्रो. चतुर्वेदी का बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से भी पुराना रिश्ता है. वे 1994 से 1996 तक आईआईटी बीएचयू के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर रहे. इसके बाद वे आईआईटी रुड़की और आईआईटी कानपुर में विभिन्न जिम्मेदारियां संभालते हुए शिक्षा, शोध और प्रशासनिक क्षेत्र में अपनी खास पहचान बना चुके हैं. 1999 में वे आईआईटी कानपुर लौटे और वहाँ विभागाध्यक्ष, डीन और उपनिदेशक के साथ चेयर प्रोफेसरशिप जैसी जिम्मेदारियां निभाईं.

प्रधानमंत्री मोदी के तकनीकी सलाहकार के रूप में भी भूमिका

मूल रूप से बलिया जिले के जवहीं गांव के निवासी है  प्रो अजीत कुमार चतुर्वेदी.  संत परंपरा के विद्वान साहित्यकार आचार्य परशुराम चतुर्वेदी के पौत्र हैं. उनके पिता रेलवे में गार्ड थे. उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई विदेश दौरों में तकनीकी सलाहकार के तौर पर शामिल रहे हैं, जो उनकी विशेषज्ञता और राष्ट्रीय महत्व के योगदान को दर्शाता है.

अनेक उपलब्धियों से सुशोभित व्यक्तित्व

प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी ने अपने अकादमिक और व्यावसायिक जीवन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. उन्हें 2008 में नानयांग टेक्निकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर की टैन चिन तुआन फेलोशिप, 2017 का आईएनएसए शिक्षक पुरस्कार और 2007 का आईआईटी कानपुर का विशिष्ट शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया गया है. उन्होंने तीन बार (2002, 2006 और 2012) बी.टेक. प्रोजेक्ट (बीटीपी) समूह के पर्यवेक्षक के तौर पर सर्वश्रेष्ठ बीटीपी पुरस्कार भी जीता है. इसके अतिरिक्त, वह 2009 में संचार पर 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन में पूर्ण सत्र वक्ता रहे हैं और 2002 में IEEE कंप्यूटर सोसाइटी इंटरनेशनल डिजाइन प्रतियोगिता के विश्व फाइनल में इनोवेशन के लिए माइक्रोसॉफ्ट पुरस्कार जीतने वाली टीम के मेंटर भी रह चुके हैं.

प्रो.अजीत कुमार चतुर्वेदी की नियुक्ति से बीएचयू को एक अनुभवी और दूरदर्शी नेतृत्व मिलने की उम्मीद है, जो विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा.

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