वाराणसी। रामनवमी के शुभ अवसर पर काशी की विश्व प्रसिद्ध राम कथा मदाकिनी शोभा यात्रा का अद्भुत नजारा राम भक्तों ने महसूस किया, मां गंगा के तट पर ईश्वर के रूप में ब्रह्मांड से साक्षात भगवान श्री राम विराजमान थे ।
संस्कार के केंद्र बिंदु मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम सा गंगा के आंचल पर भगवान श्री राम के जीवन की संजीव झांकियां ऐसी प्रतीत हो रही है कि पूरा ब्रहमांड भगवान श्री राम की स्तुति कर रहा है। वास्तव में भगवान श्री राम के जीवन के प्रत्येक कार्य विनय, संस्कार और अध्यात्म को प्रदर्शित करता है।
रामकथा मंदाकिनी शोभा यात्रा विगत 35 वर्षो की भांति इस वर्ष भी भगवान श्री राम के अवतरण दिवस पर स्थानीय तुलसी घाट पर संकट मोचन मंदिर के महंत डा विश्वभर नाथ मिश्र ने आरती कर शोभायात्रा को रवाना किया।
उक्त अवसर पर 36 केवट बंधुओं को साफा बांधकर उनका सम्मान किया गया। शोभायात्रा में भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित झाकियां राम दरबार, वन गमन, हनुमान कालनेमि संवाद केवट संवाद, धनुष यज्ञ, लव कुश प्रसंग समेत कुल 15 झांकियां शामिल थीं। झांकी में शामिल कलाकार बच्चे सुंदर ईश्वर रूपी वेशभूषा में विराजमान थे उपस्थित भक्त जनों ने ईश्वर रूपी झांकी की भक्ति में आरती एवं शंखनाद पूरा वातावरण भक्ति में हो
उक्त अवसर पर 36 केवट बंधुओं को साफा बांधकर उनका सम्मान किया गया। शोभायात्रा में भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित झाकियां राम दरबार, वन गमन, हनुमान कालनेमि संवाद केवट संवाद, धनुष यज्ञ, लव कुश प्रसंग समेत कुल 15 झांकियां शामिल थीं।
झांकी में शामिल कलाकार बच्चे सुंदर ईश्वर रूपी वेशभूषा में विराजमान थे उपस्थित भक्त जनों ने ईश्वर रूपी झांकी की भक्ति में आरती एवं शंखनाद पूरा वातावरण भक्ति में हो गया स्थानी भैसासुर घाट पर तीन श्रेष्ठ झाकियों को पुरस्कृत किया तथा शोभायात्रा में शामिल छात्रों को प्रमाण पत्र भी दिया गया।
फोटो:वीडियो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)