धनबाद. धनबाद के बहुचर्चित पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में बरी हुए झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में तीन याचिका दायर की गई है. जानकारी के अनुसार मृतक नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह के अलावे मृतक चालक घल्टू महतो की पत्नी और मृतक अशोक यादव की पत्नी ने भी अलग-अलग अपील याचिका दायर की है. बताया गया है कि तीनों की अपील को अभी अनरजिस्टर्ड केस की सूची में रखते हुए इनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। झारखंड उच्च न्यायालय में अलग-अलग अपील दायर कर निचली अदालत के रिहाई के आदेश को चुनौती दी गई है.
संजीव सिंह सहित 10 आरोपी निचली अदालत से हुए है बरी
संजीव सिंह सहित 10 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में निचली अदालत ने बरी करने का आदेश दिया था. पीड़ित पक्षों ने राज्य सरकार को भी प्रतिवादी बनाया है. पीड़ित पक्षों ने संजीव सिंह, जैनेंद्र कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह सहित 10 लोगों को प्रतिवादी बनाया है.
बता दे कि इस मामले में संजीव सिंह को लगभग 8 साल के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. उसके बाद धनबाद के लोअर कोर्ट का फैसला आया, जिसमें संजीव सिंह सहित सभी 10 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया.
अभिषेक सिंह लड़ रहे कानूनी लड़ाई
अब निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में दायर तीनों याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की संभावना जताई जा रही है. नीरज सिंह की तरफ कानूनी लड़ाई उनके साले (पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के भाई) अभिषेक सिंह लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि झारखंड हाई कोर्ट से न्याय मिलेगा.
बता दे, झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में तीन अपील याचिकाएं दायर की गई हैं. यह याचिका 29 अक्टूबर, 2025 को दायर की गई.
पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या 2017 में की गई थी
नीरज सिंह की हत्या 2017 में की गई थी. वह अपने घर लौट रहे थे कि सरायढेला थाना क्षेत्र के स्टील गेट स्थित घात लगाए हमलावरों ने उन पर हथियारों के मुंह खोल दिए थे. घटनास्थल पर ही नीरज सिंह समेत चार लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद संजीव सिंह ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था. फिर वह जेल भेजे गए, लगभग 8 साल तक वह जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिली. फिर लोअर कोर्ट के फैसले में भी सभी आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी किये गए. अब लोअर कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गई है.
