काशी के अस्सी स्थित मोक्ष भवन में शिवपुराण कथा एवं महामृत्युंजय जाप का किया गया आयोजन

Uttam Savera News
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स्वामी संतोष आनंद सरस्वती जी संतोष गुरुजी महाराज संस्थापक अधिष्ठता पीठाधीश्वर एकादश रुद्र पीठ भारत माता पुरम हरिद्वार उत्तराखंड

वाराणसी | भारतवर्ष की तपोभूमि ऋषि मुनियों की त्याग और तपस्या की भूमि वाराणसी भगवान श्री शाम्भ शिवाय बाबा विश्वनाथ की अद्भुत मुक्ति दायिनी धारा का गंगा पावन तट अस्सी घाट जहां पर कलयुग में भी श्री तुलसीदास जी जैसे अनेक महान संतों की अद्भुत गाथाएं जनमानस को प्रेरित करने के लिए पर्याप्त हैं| ऐसी ज्ञान भक्ति वैराग्य की आध्यात्मिक पर्यावरण से पूरित वातावरण में आने का सौभाग्य हम सबको प्राप्त हुआ है इसका लाभ जीवन पथ की मनु भर्व की ओर अग्रसर होने का अवश्य लाभ प्राप्त होगा ऐसे श्रेष्ठ मनोबल को परिष्कृत करने का यह परम आयोजन है |काली काल की कलीसुत कल्पनाएं ना केवल मानव जीवन को समान रूप से ही प्रभावित नहीं करती बल्कि उद्देश्य ही भटका देती है तब संत दर्शन संत समागम भगवान की कथाएं एवं सार्थक साहित्य का अनुशीलन जब श्रेष्ठ पर्यावरण में आश्रेष्ठ काल में मिलता है तो वह जीवन बदल देता है और इसीलिए श्रावण मास भगवान काशी विश्वनाथ की कृपा स्थली जहां भक्ति ज्ञान और वैराग्य शाश्वत भूमि पर श्री शिव महापुराण की कथा एवं भगवान पार्थीलेशर का निर्माण एवं अभिषेक पूजन महामृत्युंजय का जाप संत समागम जैसे अनंत का फल देने वाले तीर्थ दर्शन का लाभ एक साथ मिल रहा है देश काल और परिस्थिति का श्रेष्ठ फलित होने वाला जीवन का सौभाग्य ही है|समुद्र के अंदर हीरे मोती पड़े होते हैं और वही जब गोताखोर निकालकर जोहरी को देते हैं तो दूर-दूर तक जाने का अवसर उनको तब मिलता है जब जो हरि तराश कर हार मुकुट स्त्री-पुरुष राजा और समाज की शोभा बढ़ाते हैं क्योंकि इनके प्राप्त करने और इनको प्राप्त कराने वाले संख्यात्मक रूप से अधिक हो जाते हैं तब व्यक्ति समाज और परिवार को लाभ मिलता है और एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है |

ठीक इसी प्रकार से संतों महात्माओं शास्त्रों वेदों और पुराणों के भीतर का श्रेष्ठ भक्ति ज्ञान और वैराग्य का सत्य ज्ञान जब कथा संत समागम का लाभ समाज के आयोजन में भले ही थोड़े लोगों को मिलता है लेकिन समाज के राष्ट्र के सच्चे प्रहरी नारद के जैसे सच्चे अपसरण साहित्यकार उस ज्ञान को जिसे केवल चंद लोगों के लिए उपलब्ध था उसे अपने चैनल समाचार पत्रों के माध्यम से देश-विदेश तक पहुंचाते हैं जिससे मानव समाज की आवश्यक लाभ प्राप्त होता है तथा भारतीय सनातन धर्म संस्कृति सभ्यता और संस्कृति का संरक्षण और प्रचार-प्रसार देश को महान बनाता है |

फोटो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)

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