वाराणसी | गोपाल लाल विला जहां स्वामी विवेकानंद अपने स्वर्गारोहण से पहले लगभग चालीस दिन प्रवास किये थे आज स्वामीजी उस विला में रथ पर सवार होकर पहुंचे। अधिवक्ताओं ने स्वामीजी की प्रतिमा पर फुल बरसाये। खंडहर बन चुके गोपाल लाल विला को स्वामीजी के पचासों कट आउट से सजाया गया था, मोम बत्तियां और दिये जलाकर अधिवक्ताओं ने खुशियों का इजहार किया और रथ पर सवार होकर स्वामीजी के खंडहर बन चुके गोपाल लाल विला पहुंचने पर अधिवक्ताओं ने दीपोत्सव मनाया।वक्ताओ ने गोपाल लाल विला का महत्त्व समझाया,बता दें स्वामी जी अपने स्वर्गारोहण से चार महीने पहले एल टी कालेज स्थित गोपाल लाल विला में रूके थे।अधिवक्ताओं का नेतृत्व बनारस बार के पूर्व अध्यक्ष केसर राय व पुर्व महामंत्री नित्यानंद राय कर रहे थे। अधिवक्ताओं में विनोद पांडे भैयाजी,अजय शर्मा,रणजीत राय , विवेकानंद उपाध्याय,दीपक राय कान्हा, रमाकांत पटेल,विनित सिंह,शैलेद्र राय, नरेंद्र विश्वकर्मा,शशांक श्रीवास्तव,राजेश सिंह,मदन मोहन यादव,राजन पांडे,रजनीश अग्रवाल,नवीन गुप्ता,व्यापार मंडल के मनोज दुबे,सोनु राय,उदय श्रीवास्तव आदि थे।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और विवेकानंद केंद्र के प्रांतीय संयोजक श्री डी एन लाल ,कार्यक्रम के संयोजक डॉ बाला लखेंद्र और श्री विजय नाथ पांडे के अलावा अनेक प्रबुद्ध जन उपस्थित थे। गोपाल लाल विला के बाद संदेश यात्रा नदेसर स्वामीजी की प्रतिमा के पास रूकी।माल्यार्पणऔर पुष्प वर्षा से वहां भी स्वागत हुआ।
कैलाश मठ में प्रबुद्धजन गोष्ठी में
वक्ता प्रो हरिकेश सिंह (पूर्व कुलपति जे पी विश्वविद्यालय बिहार)
डा कामेश्वर उपाध्याय (महामंत्री अखिल भारतीय विद्वत परिषद)
ने विचार व्यक्त किए।