मोदी@2.0 किताब का विमोचन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया ।

Uttam Savera News
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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वाराणसी दौरे के अन्तिम दिन शुक्रवार को रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में मोदी@2.0 किताब का विमोचन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया । किताब के विमोचन के बाद मुख्यमंत्री ने यहां प्रबुद्ध लोगों से संवाद भी किया ।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था को मोर्चे पर आज पांचवें स्थान पर पहुंच चुका है। यशस्वी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम उस देश ब्रिटेन को पछाड़ने में सफल हुए जो देश 75 साल पहले हमारे ऊपर शासन करता था। दुनिया में फैली कोरोना जैसी महामारी हो या आर्थिक, सामाजिक से लगायत तमाम मोर्चों पर हम प्रधानमंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन में विजय पाने में सक्षम हुए है।

यह विचार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर निगम के पास रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में शनिवार की शाम आयोजित मोदी @ 2.0 के हिंदी संस्करण के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने प्रधानमंत्री के 2.0 वर्ष के प्रशासनिक अनुभवों को विस्तार से सबके सामने रखा। कहाकि जिस भगवान राम के मंदिर के लिए पांच सौ सालों से हम तरते रहे। इस मंदिर को देखने के लिए न जाने कितनी पीढ़ियां गुजर गईं आज हम उसे बनता देख रहे हैं।

महात्मा गांधी 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उदघाटन के लिए काशी आए थे। तब वह विश्वनाथ मंदिर दर्शन के लिए गए थे और तब उन्होंने तीखी टिप्पणियां की थी। लेकिन उस समय गांधी के नाम पर सत्ता में रहनेवालों ने उनकी बात को गंभीरता से नही लिया। मोदीजी ने एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व काशी के सांसद होने के नाते उसे साकार किया और आज श्रीकाशी विश्वनाथ धाम सबके सामने है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। जनता कर्फ्यू के दौरान हर घर के अंदर ताली बजाने व थाली बजाने के कार्यक्रम हुए थे।

लाकडाउन के दौरान जान है तो जहान है, इस मंत्र को भी लोगों ने अंगीकार किया। जीवन और जीविका को बचाना है यह भी देखा। एक-एक कर एक-एक कदम हम आगे बढ़ते गए। जिस कोरोना से दुनिया पस्त थी। दुनिया सशंकित थी कि हमारी आबादी तो कम है लेकिन दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी वाले भारत का क्या होगा। बाद में वही भारत दुनिया को संजीवनी की डोज देनेवाला साबित हुआ। पूर्वी यूपी गोरखपुर, देवी पाटन, बरेली, सहारनपुर में इंसेफेलाइटिस से हर साल जुलाई से नवम्बर के बीच एक हजार व 15 सौ बच्चों की मौतें होती थी। 1977 से शुरू हुई यह बीमारी लगतार बढ़ती गई। तब सरकारों ने इसका संज्ञान नही लिया।

1998 में जब गोरखपुर का सांसद बना तक शासन के संज्ञान में यह बात आई। देश में वैक्सीन आई वर्ष 2006 में। जबकि जापान में इसका वैक्सीन 1905 में बन चुका था। सौ वर्ष बाद देश में वैक्सीन आई। कोरोना महामारी में देखा होगा कि नौवे महीने में दो-दो देशी वैक्सीन मोदी ने दिया। दुनिया के देशों को वैक्सीन देने का भारत ने काम किया। सबसे कम मृत्यु दर, सबसे अच्छा प्रबंधन हुआ। मोदीजी के नेतृत्व में हम योग्यता की कसौटी पर खरे उतरे। अब नारे नही जमीनी धरातल पर कार्य देखे जाते हैं। उन्होंने कहाकि पिछले आठ वर्ष में मोदी के नेतृत्व में आपने श्रेष्ठ और विश्वसनीय भारत को बदलते देखा हैं। हमारे राजनीति विरोधी भी उंगली नही उठा सकते।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहाकि एक-एक योजना का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक कैसे पहुंचाना है यह भी आपने देखा होगा। उसके परिणाम कैसे आए यह भी देखा होगा। देश में जनधन एकाउंट खोले गए। तब लोग पूछते थे खातों में पैसा कब आएगा। वह प्रश्न उठाते थे जो एक रूपये में से 80 पैसा खा जाते थे। मोदी के नेतृत्व में सरकार ने गरीबों को स्वावलम्बन के मार्ग पर आगे बढ़ने का अवसर दिया है। लोग लोग निजी फाइनेंस कम्पनियों के यहां पैसा जमा करते थे और वह पैसा डूब जाता था। बैंकों में खाते नही खुलते थे। आज बैंक में पैसा जमा होता है खाते भी खुलते हैं। लोग स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ रहे है। किसी की जाति मजहब क्षेत्र भाषा नही देखी गई।

स्वच्छ भारत पर सवाल करनेवालों को मिला जवाब
उन्होंने कहाकि 2014 में प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन योजना चलाई लोग सवाल खड़ा कर रहे थे। आज पता चला कि बीमारियां कम हो रही है। हर घर में शौचालय बन गए, जिन्होंने आजादी के बाद भी घरों में शौचालय नही देखा था वहां शौचालय बने और महिलाओं की गरिमा भी सुरक्षित हुई। तीन करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री आवास मिल चुके है। जो लोग पात्रता की श्रेणी में है उन्हें आवास मिला है। उज्ज्वला योजना में साढ़े आठ करोड़ गरीब परिवारोें को गैस व साढ़े चार करोड़ लोगों का बिजली के कनेक्शन मिले। युवाओं के लिए पीएम स्टार्टअप की योजना शुरू हुई। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई की योजन, महिलाओं के लिए जीवन ज्योति या मातृ वंदना की योजनाएं चली। श्रमिकों बुजुर्गों, सैनिकों, वन रैंक पेंशन की योजना हो इसने समाज के सभी तबकों के जीवन में परिवर्तन का काम किया।

फोटो: वीडियो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)

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