सोशल मीडिया में सकारत्मकता की तुलना मे नकरात्मकता का प्रभाव अधिक है:-निदेशक प्रो प्रेमनारायण सिंह।

Uttam Savera News
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सोशल मीडिया ने विश्व में संचार को नया आयाम दिया है–कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी।

सोशल मिडिया के अधिक प्रयोग से अनेक रोगों से ग्रस्त हो रहे लोग– प्रो ओपी शर्मा

वाराणसी |  वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का एक अहम पहलू है। इस अधिकार के उपयोग के लिये सोशल मीडिया ने जो अवसर नागरिकों को दिये हैं, एक दशक पूर्व उनकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। दरअसल, इस मंच के ज़रिये समाज में बदलाव की बयार लाई जा सकती है। लेकिन, चिंता का विषय है कि मौजूदा वक्त में सोशल मीडिया अपनी आलोचनाओं के लिये चर्चा में रहता है। दरअसल, सोशल मीडिया की भूमिका सामाजिक समरसता को बिगाड़ने और सकारात्मक सोच की जगह समाज को बाँटने वाली सोच को बढ़ावा देने वाली हो गई है।सोशल मिडिया से समाज मे दुष्प्रभाव पैदा कर रहे है साथ ही सकारात्मकता की तुलना में नकरात्मकता का अधिक प्रभाव है।
उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी के 66 वें स्थापनोत्सव एवं जी-20 सम्मेलन के उपलक्ष्य में “सोशल मीडिया के सामाजिक प्रभाव दशा एवं दिशा” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी (दिनांक 02 एवं 03 अप्रैल 2023) के पहले दिन उद्घाटन सत्र में आज पूर्वान्ह 11:00 बजे से अपरांह1:00 बजे,योग साधना केन्द्र में आयोजित किया गया जिसमें अन्तर विश्वविद्यालय शिक्षक शिक्षा केन्द्र ,वाराणासी के निदेशक प्रो प्रेम नारायण सिंह ने बतौर मुख्य व्यक्त किया।
निदेशक प्रो प्रेमनारायण सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया की भूमिका के तकनिक का जितना विकास हुआ उतना ही तनाव,अवसाद का भी प्रभाव बढ़ता गया।सोशल मीडिया इतना बड़ा है कि बच्‍चा कहां, कब और कैसे क्‍या जानकारी ले, आप उसे कंट्रोल ही नहीं कर सकते हैं। ऐसी स्थितियां बच्चों को अश्लील, हानिकारक या ग्राफिक वेबसाइटों तक पहुंचा सकती हैं, जो उनकी सोचने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।इसे नकरात्मकता को कम करने के लिये समाज की इकाई व्यक्ति है उसी इकाई से इसे स्वंय पर अमल कर दूर करने का प्रयास किया जा सकता है।सोशल मीडिया हमारे व्यवहार को कितना प्रभावित करता है,जब हम अपने व्यवहार मे इसके सकारत्मकता को उतारेंगे तभी सुधार सम्भव है।
विशिष्ट अतिथि–
बतौर विशिष्ट वाराणसी के प्रसिद्ध रेडियोलॉजिष्ट एवं प्रसिद्ध आचार्य/विशेषज्ञ प्रो ओपी शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कई बार कुछ लोगों के लिए लत बन जाता है और चिंता, डिप्रेशन,क्रोध,अनिद्रा,हीनता,आखों की रोशनी कम होना,कान से कम सुनना और यहां तक कि कई बीमारियों का भी कारण बन सकता है. सोशल मीडिया पर कई बार हम दूसरों की उपलब्धियों को देखकर इनफीरियॉरिटी काम्प्लेक्स में चले जाते हैं या जलन की भावना पैदा होती है. इसका हमारे स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन–

आइकेएस के माध्यम से सोशल मिडिया के दुष्प्रभाव को रोकने मे सहायक होगा—

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने अध्यक्षता करते हुये कहा कि सोशल मीडिया दुनिया भर के लोगों से जुड़ने का एक महत्त्वपूर्ण साधन है और इसने विश्व में संचार को नया आयाम दिया है।
सोशल मीडिया उन लोगों की आवाज़ बन सकता है जो समाज की मुख्य धारा से अलग हैं और जिनकी आवाज़ को दबाया जाता रहा है।विश्व मे संगणक के विकास मे जो लोग भी है उनमे सबसे अधिक योगदान भारतीय समुदाय का है।इससे हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं।नई शिक्षा निति 2020 से आइकेएस के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में एक सकारत्मक क्रान्ति का संचरण हुआ है इससे सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव को रोकने मे सहायता प्राप्त होगी।नवाचार के माध्यम से राष्ट्र उत्थान एवं विश्व उत्थान का मार्ग प्रशस्त करने पर कार्य करने की जरुरत है।आज देश के प्रधानमंत्री ,प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री जी सदैव नवाचार के माध्यम से देश को नई दिशा देकर वैश्विक स्तर पर ले जाने का कार्य किये हैं,इसलिये सदैव सकारत्मक कार्य से ही नई उर्जा का संचार होगा।
कुलपति प्रो त्रिपाठी ने कहा कि सोशल मीडिया का सकारत्मक प्रभाव के साथ नकारात्मक प्रभाव भी बहुत हैं। इसके जरिए लोग भ्रामक और गलत जानकारी भी फैलाते हैं। जिससे लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अब सरकार बहुत सख्ती में आ गई है। गलत बातें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
वाचिक स्वागत एवं संयोजक– सामाजिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो राजनाथ ने वाचिक स्वागत भाषण किया।
विषय उपस्थापन — प्रो शैलेश कुमार मिश्र।
संगोष्ठी का संचालन डॉ कैलाश ने किया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रारम्भ में—
मंगलाचरण —
वैदिक- प्रो महेंद्र कुमार पान्डेय।

दीप प्रज्वलन–
मंचस्थ अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
मंचस्थ अतिथियों का स्वागत-
मंचस्थ अतिथियों का चन्दन,माला,अँगवस्त्रम एवं नरिकेल के द्वारा स्वागत और अभिनंदन किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन संयोजक प्रो राजनाथ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

उपस्थिति– कुलसचिव प्रो रामकिशोर त्रिपाठी,हैदराबाद से पधारे प्रो मधुसूदन,प्रो रमेश प्रसाद,प्रो जितेन्द्र कुमार,प्रो सुधाकर मिश्र,प्रो हीरककान्त चक्रवर्ती,प्रो विजय कुमार पान्डेय,प्रो विधु द्विवेदी,प्रो महेंद्र पान्डेय,प्रो अमित कुमार शुक्ल,डॉ रविशंकर पान्डेय तथा पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थी एवं आई ए जे परिवार के सदस्य उपस्थित थे।

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