प्रधानमंत्री गति शक्ति स्कीम के तहत अन्तर्देशीय जलमार्ग के जरिए वाराणसी बनेगा व्यापारिक केन्द्र
* भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (भा.अ.ज.प्रा.) उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 62 घाटों का निर्माण कर रहा है
* भाअ.ज.प्रा. और कोचिन शिपयार्ड के बीच करार किया गया है जिसके तहत देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल सैल कैटामारन जलयान और इलेक्ट्रिक हाइब्रिड जलयान निर्मित किए जाएंगे
* उ.प्र. में 7 सामुदायिक घाट लांच कर दिए गए हैं और अन्य 8 घाटों के लिए आधारशिलाएं रख दी गई हैं
* वाराणसी और डिब्रूगढ़ के बीच भारत का सबसे लम्बा रिवर क्रूज,” गंगा विला शीघ्र लांच किया जाएगा
वाराणसी, 11 नवंबर 2022: ‘पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल वाटरवेज सम्मिट 2022″ के तहत भारत सरकार अन्तर्देशीय जलमार्गों को संवहनीय, किफायती, झंझट-मुक्त परिवहन साधन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें आध्यात्मिक नगरी वाराणसी का अत्यधिक महत्व है।
भारत सरकार में बंदरगाह, नौवहन व जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने सात सामुदायिक घाटों का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ; टेक्सटाइल, वाणिज्य व उद्योग, उपभोक्ता मामले तथा खाद्य एवं जन वितरण हेतु केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल और भारी उद्योग मंत्री श्री महेन्द्र नाथ पांडे भी इस अवसर पर * उपस्थित थे। श्री सोनोवाल ने उ.प्र. में गंगा किनारे 8 और घाटों की आधारशिलाएं भी रखीं।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में घोषित किया की भारत की आध्यात्मिक नगरी को सबसे उन्नत हाइड्रोजन फ्यूल सैल कैटमारन जलयान मिलने जा रहे हैं। वाराणसी को एक हाइड्रोजन फ्यूल सैल जलयान और चार इलेक्ट्रिक हाइब्रिड जलयान मिलेंगे। इस आयोजन के दौरान भा.अ.ज.प्रा. तथा कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड के मध्य एक करार पर दस्तखत किए गए।
जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट-2 (जिसे अर्थ गंगा) भी कहा जाता है तहत भा.अ.ज.प्रा. गंगा नदी पर 62 लघु सामुदायिक घाटों का विकास,/अपग्रेड कर रहा है। इनमें से 15 उ.प्र. में, 21 बिहार में, 3 झारखंड में और 23 पश्चिम बंगाल में हैं।
उत्तर प्रदेश में वाराणसी और बलिया के बीच 250 किलोमीटर में घाट विकसित किए जा रहे हैं। ये घाट यात्री एवं प्रशासनिक सुविधाओं से युक्त होंगे जिनसे नदी पर सामान एवं मुसाफिरों की आवाजाही संभव होगी और समय तथा लागत की बचत होगी।
घाटों का परिचालन आरंभ हो जाने से छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में वृद्धि होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इस सब से समुदायों को लाभ होगा। अन्तर्देशीय .जलमार्गों के विकास पर ध्यान केन्द्रित करने से विकास एवं परिचालन
मानकीकरण में मदद मिलेगी, फलस्वरूप स्थानीय समुदायों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो पाएंगी और उनकी आजीविका में भी सुधार होगा।
यह पहल भारत सरकार की नीतियों और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए सक्रिय उपायों के अनुसार है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री तथा उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में स्वच्छता अभियान जीवन एवं कारोबार के सभी क्षेत्रों में चलाया जा रहा है|
अन्तर्देशीय जलमार्ग परिवहन किफायती और पर्यावरण के अनुकूल है और अब काशी में शून्य उत्सर्जन हाइड्रोजन फ्यूल सैल पैसेंजर कैटमारन जलयान के आ जाने से जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में कमी लाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
भा.अ.ज.प्रा. के माध्यम से भारत सरकार ने यह प्रोजेक्ट कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड, कोची को दिया है जिसने हाल ही में भारत का पहला स्वदेश निर्मित एयर क्राफ्ट कैरियर तैयार किया है।
भा.अ.ज.प्रा. और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच हुए करार के मुताबिक शून्य उत्सर्जन 100 पैक्स हाइड्रोजन फ्यूल सैल पैसेंजर कैटामारन जलयान का डिजाइन और विकास कोचिन शिपयार्ड मैसर्स केपीआईटी, पुणे के सहयोग से करेगी। कोची में परीक्षण के पश्चात् कैटामारन जलयान को वाराणसी में तैनात किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की कामयाबी के आघार पर इस टेक्नोलॉजी को कार्गों वैसल, स्मॉल कंट्री क्राफण्ट आदि के लिए अपनाया जा सकेगा, जिससे राष्ट्रीय जलमार्गों में प्रदूषण” का स्तर घटाने में बहुत मदद मिलेगी |
समझौते के तहत कोचिन शिपयार्ड 8 हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामारन जलयानों का निर्माण भी करेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए केन्द्र सरकार ने रु. 130 करोड़ मंजूर किए हैं। 50 पैक्स क्षमता वाले जलयान वाराणसी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन और गुवाहाटी में तैनात किए जाएंगे।
इस आयोजन में बहुत से गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे जिनमें शामिल थेश्री दयाशंकर सिंह, माननीय राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार, परिवहन, उत्तर प्रदेश; श्री शांतनु ठाकुर, माननीय राज्यमंत्री, बंदरगाह, नौवहन व जलमार्ग मंत्रालय; श्रीपद नायक, माननीय राज्यमंत्री, पर्यटन, बंदरगाह, नौवहन व जलमार्ग मंत्रालय; माननीय मंत्री-भारी उद्योग मंत्रालय तथा भा. अ.ज.प्रा. का शीर्ष नेतृत्व दल एवं राज्यसरकार के प्रतिनिधि।