वाराणसी | आज दिनांक 21 दिसम्बर 2022 को वाराणसी इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्ट्री द्वारा में “इतिहास एवं संस्कृति में श्रीराम’ विषयक दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। वाराणसी इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्ट्री की संस्थापिका एमेरिटस प्रोफसर डॉ० अरुणा सिन्हा मौजूद थीं। इसके समापन सत्र की विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड की विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी, मुख्य अतिथि बेल्जियम से आये प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ0 कोएनार्ड एल्सट एवं बीज वक्ता भारतीय
पुरातत्त्व सर्वेक्षण के डायरेक्टर जनरल प्रो० बी०आर० मणी रहे ।। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि ऋतु खण्डूरी ने सर्वप्रथम ‘वाराणसी इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्ट्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए जन-जन रामपुर स्थापित करने की बात कही साथ ही उन्होंने अपने वक्तव्य में श्रीराम के चरित्र व रामराज्य पर गहन चर्चा करते हुए वर्तमान व्यवहारिक जीवन के सन्दर्भ में श्रीराम की प्रासंगिकता का उजागर किया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ० कोएनार्ड एल्सट ने अपने वक्तव्य में 1989 से लेकर वर्तमान तक विस्तारपूर्वक रामजन्म भूमि आन्दोलन की परिचर्चा वर्तमान राजनीतिक सन्दर्भ में की। इस अवसर पर बीज वक्ता प्रो० बी०आर० मणी ने राम की प्राचीनता की पुष्टि करने वाले पुरातात्त्विक साक्ष्यों से लोगों को परिचित कराया तथा सन् 2002-03 में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की ओर से अयोध्या में हुए उत्खनन पर प्रकाश डाला।
समापन सत्र की अध्यक्षीय उद्बोधन वाराणसी इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्ट्री’ की संस्थापिका एमेरिटस प्रोफसर डॉ० अरुणा सिन्हा ने कहा कि इस संगोष्ठी में पढ़े गये शोध आलेख, वक्तव्य, प्रश्नोत्तरी तथा गहन विचार विमर्श से जो निकला है उससे ऐतिहासिक सत्य उद्घाटित होगा तथा वैकल्पिक इतिहास लेखन स्वतंत्रतापूर्वक किया जा सकेगा।
आज के गोष्ठी के समापन सत्र में रिपोर्टियर डॉ० श्रेया पाठक ने प्रस्तुत किया तथा समापन राष्ट्रगान से हुआ, धन्यवाद ज्ञापन डॉ० जयलक्ष्मी कॉल ने किया तथा मंच संचालन डॉ० कल्पना सिंह ने किया। इस अवसर पर बेल्जियम इण्डोनेशिया, पोलैण्ड, फिजी, मॉरिशस, सिंगापुर, अमेरिका इत्यादि देशों एवं भारत के पन्द्रह राज्यों से आये प्रतिभागियों ने सहभागिता की।
VARANASI INSTIT काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी CONOWLEDGE HARMONY संस्थापक निर्देशक वाराणसी इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्ट्री व एमेरिटस प्रोफेसर, इतिहास