काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान को सशक्त करने में नहीं छोड़ी जाएगी कोई कसरः केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री
• डॉ. मनसुख मांडविया ने किया काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित सर सुन्दर लाल चिकित्सालय तथा ट्रामा सेन्टर का दौरा, स्वास्थ्य सुविधाओं का लिया जायज़ा
• “बीएचयू में आधुनिक चिकित्सा तथा आयुर्वेद के एक साथ काम करने से पेश हो रहा है अनूठा उदाहरण”
• स्वास्थ्य मंत्री को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने में पेश आने वाली चुनौतियों से कराया गया अवगत
वाराणसी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान को और सशक्त करने के लिए संसाधनों की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। विश्वविद्यालय परिसर स्थित सर सुन्दरलाल चिकित्सालय तथा ट्रॉमा सेन्टर का दौरा करने के पश्चात शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वे शिक्षा मंत्री, भारत सरकार, श्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ बैठक कर ऐसी योजना तैयार करेंगे कि बीएचयू स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान और उत्कृष्ट हो तथा यहां इलाज के लिए आने वाले आमजन को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मिलें।
ट्रामा सेन्टर के संगोष्ठी कक्ष में आयोजित बैठक में आचार्य प्रभारी प्रो0 सौरभ सिंह ने चिकित्सा कार्य में आने वाली चुनौतियों से स्वास्थ्य मंत्री अवगत कराया। उन्होंने बताया कि एम्स में प्रति बेड 20 लाख रूपये वार्षिक प्राप्त होता है, जबकि बीएचयू को प्रति बेड 2 लाख रूपये प्रतिवर्ष की धनराशि स्वीकृत की जाती है।
प्रो. सिंह ने चिकित्सालय एवं ट्रामा सेन्टर में हास्पिटल मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम की स्थापना को महत्वपूर्ण कदम बताते हुए इस दिशा में पहल करने का अनुरोध किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बीएचयू एक विशिष्ट संस्थान है और इसके नाम अनेक उपलब्धियां हैं। यहां का गवर्नेंस मॉडल ऐसा होना चाहिए जो अन्य संस्थानों के लिए उदाहरण पेश करें।
उन्होंने संस्थान में चिकित्सा सुविधाओं के ढांचे को और सशक्त बनाने की ज़रूरत बताते हुए कहा कि इस दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। डॉ. मांडविया ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आधुनिक चिकित्सा तथा आयुर्वेद एक साथ काम करते हैं और इन दोनों विधाओं का मिलकर काम करना दुनिया भर के सामने एक उदाहरण पेश करता है।
उन्होंने कहा कि बीएचयू में मॉडर्न मेडिसीन तथा आयुर्वेद का समागम एक ऐसा मॉडल पेश कर सकता है, जिससे बाकी दुनिया को सीख मिले। उन्होंने कहा कि यहां चिकित्सा के लिए बड़ी संख्या में पूर्वांचल के अलावा, बिहार, झारखण्ड, मध्यप्रदेश आदि स्थानों से मरीज आते हैं, इसलिए जीरियाट्रिक केयर की बड़ी युनिट के साथ-साथ अन्य नई व आधुनिक सुविधाएं आरम्भ करने की जरूरत है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय में बीएचयू से संबंधित प्रस्तावों के शीघ्र निस्तारण कर आश्वासन दिया।
बैठक में मौजूद कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि बीएचयू अस्पताल में विश्व स्तरीय संस्थान बनने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि यहां की स्वास्थ्य सेवाओं पर जिस स्तर का भार है उसके अनुरूप सुविधाएं कम पड़ जाती हैं, ऐसे में संसाधनों को बढ़ाना अति आवश्यक है। इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य एवं चिकित्सा विज्ञान संस्थान के र्बोड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) के अध्यक्ष डॉ. वी.के. पॉल ने कहा कि बीएचयू जैसे एक बड़े शिक्षण संस्थान का अंग होने से यहां के चिकित्सा विज्ञान संस्थान की जो विशिष्टताएं हैं वे इसे अन्य संस्थानों से अलग करती हैं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने सर सुन्दरलाल चिकित्सालय की आपात चिकित्सा (इमरजेंसी), गहन चिकित्सा इकाई (ICU) तथा डायलिसिस इकाई का अवलोकन किया। इसके उपरान्त ट्रामा सेन्टर की आपात चिकित्सा, आयुष्मान योजना इकाई, प्रयोगशाला, ब्लड बैंक को भी देखा।
बैठक में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो0 एस0के0 सिंह, डीन-रीसर्च प्रो0 अशोक चौधरी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 कैलाश कुमार, उपाधीक्षक, प्रो0 अंकुर सिंह, डॉ0 कविता मीणा, संयुक्त कुलसचिव डॉ0 नीरज त्रिपाठी, तथा नर्सिंग अधीक्षक प्रकाश शर्मा, आदि मौजूद थे।
फोटो:वीडियो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)