वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने ट्रैफिक में तैनात इंस्पेक्टर शिवाकांत शुक्ला को सोमवार शाम लाइन हाजिर कर दिया। इंस्पेक्टर पर ई-रिक्शा छोड़ने के लिए 3000 रुपये मांगने और वाहन मालिक से होमगार्ड को दिलवाने का आरोप है।
एडिशनल सीपी ने जांच शुरू की तो पीड़ित ने दफ्तर पहुंचकर बयान दर्ज कराया। जांच में होमगार्ड ने इंस्पेक्टर का नाम लिया तो अफसरों ने उससे जवाब तलब किया। जवाब संतोष जनक नहीं मिलने पर इंस्पेक्टर के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर दी।
वाराणसी के एडिशनल पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर सीपी मोहित अग्रवाल ने इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर करते हुए तत्काल कार्यमुक्त कर दिया। उसके खिलाफ एक अन्य विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
शहर के बादशाह बाग कालोनी निवासी हेमंत मेहरा पुत्र विनीत मेहरा कई रूट पर ई-रिक्शा का संचालन करते हैं। उनके पास एक से अधिक ई-रिक्शा हैं जिन्हें यातायात पुलिस में भी पंजीकृत करा रखा है। 24 नवंबर को उनके चालक शिवशंकर ने बताया कि मरी माई मंदिर तिराहे पर होमगार्ड ने ई-रिक्शा को पकड़ लिया है ।
वहां मौजूद टी.आई ने वाहन को किनारे खड़ा करा दिया है और इसे छोड़ने के लिए भारी भरकर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। वहीं बिना चालान छोड़ने के लिए 4500 रुपये मांगे हैं। सूचना के बाद हेमंत मौके पर पहुंचे और मित्र के फूफा अभय मिश्रा को भी बुलाया।
मौके पर टीआई शिवाकांत शुक्ला की गैरमौजूदगी में होमगार्ड और वाहन स्वामी के बीच काफी देर तक संवाद हुआ तो होमगार्ड ने टीआई से फोन पर बात कराई। इसके बाद मामला 3000 रुपये में तय हुआ। अभय मिश्रा ने रुपये शौचालय के पास होमगार्ड को थमा दिए और चले आए।
