श्री सनातनी गौड़ीय मठ केदार घाट वाराणसी मैं चल रही, साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा
में आज होली उत्सव एवं श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहुति तथा भंडारे का आयोजन किया गया ।।
भागवत के सरस प्रवचन कर्ता परम पूज्य आचार्य श्री व्रजेन्द्र व्यास जी महाराज जो कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व पुराण विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम गंगाधर बापट जी के कृपा प्राप्त शिष्य हैं।
आपने बताया जब-जब धर्म की हानि होती है
जब जब असुर वृत्ति पृथ्वी पर बढ़ जाती हैंजब जब ब्राह्मण ,गौ माता , देवता, और संतों का अपमान (हिंसा) होने लगती है
तब-तब भगवान पृथ्वी पर अवतार ग्रहण करते हैं ।।
आत: कलयुग में श्रीमद्भागवत महापुराण ही भगवान कृष्ण का साक्षात अवतार है जो इसका रसास्वादन करता है वह मनुष्य परम भाग्यवान और भगवान का कृपा पात्र होता है
जीवन के सन्मार्ग को, भगवान की भक्ति को प्राप्त करने में श्रीमद्भागवत ही मनुष्य का एकमात्र आश्रय है ।
अतः भागवत के अक्षर भी यही बताते हैं
भ :- जो ब्रह्म को भाषित करती है।
ग :- नारद आदि संत जन जिस का गान करते रहते हैं।
व :- जो सारे शास्त्रों का वर्णन करते हैं।
त :- महा पापी भी जिसके आश्रय से तर जाते हैं वही श्रीमद् भागवत है।।आत: भागवत मे भगवान कृष्ण की लीलाए मनुष्य को शिक्षा देती हैं,की मनुष्य अपने कर्म से अपने धर्म से विमुख ना हो और पुरुषार्थ करता रहे तो वह एक दिन अपने लक्ष्य पर अवश्य पहुंच जाएगा तथा भगवान की लीलाओं का ध्यान और उनके नाम का संकीर्तन करने से उसके पाप और संताप को दूर कर देगा और श्री कृष्ण की अविचल भक्ति उसको प्राप्त होगी। अतः मनुष्य को भगवान की निश्चल भक्ति का लक्ष्य भूलना नहीं चाहिए और लक्ष्यप्राप्ति में प्रयासरत् रहना चाहिए।।
विश्वनाथ और गंगा की सन्निधि में चल रहे श्रीमद्भागवत अनुष्ठान का समापन दिवस पर भगवान कृष्ण के पूजन, हवन और महा आरती के साथ भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सभी क्षेत्र वासियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं भोजन प्रसाद को ग्रहण किया मुख्य अतिथि के रूप में वाराणसी कैंट के लोकप्रिय विधायक श्री सौरभ श्रीवास्तव उपस्थित रहे ।
इस अवसर पर कथा के मुख्य यजमान श्रीमती संगीता उपाध्याय एवं वसुमित्र उपाध्याय , श्री गणेश पाठक,अंकित जी दुबे, दीपक मिश्रा, मोहन जी दुबे,प्रधानाचार्य पं अमित कुमार पाण्डेय जी,तथा श्रीमती संगीता उपाध्याय जी का पूरा परिवार उपस्थित रहा ।।
वाराणसी के गौड़ीय मठ , केदार घाट साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा तथा भंडारे का आयोजन किया गया
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