केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की मौजूदगी में हुआ काशी तमिल संगमम का समापन

Uttam Savera News
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शिक्षा, कला, साहित्य, संस्कृति का अनूठे संगम का लाखों लोग बने गवाह

वाराणसी। एक महीने तक चले काशी तमिल संगमम का शुक्रवार को भव्य आयोजन के साथ समापन हो गया। एम्फीथिएटर बीएचयू के मुक्ताकाशी प्रांगण में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में श्री अमित शाह, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। इस अवसर पर श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री, श्री रवींद्र नारायण रवि, तमिलनाडु के माननीय राज्यपाल, श्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, श्री गंगापुरम किशन रेड्डी, पर्यटन, संस्कृति मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय, डॉ. लोगनाथन मुरुगन, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री, श्री चमू कृष्ण शास्त्री, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष ,प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन, कुलपति बीएचयू, श्री वी. कामकोटि, निदेशक आईआईटी मद्रास सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से काशी तमिल संगमम का शुभारंभ हुआ था। एक माह में तमिलनाडु से अलग—अलग समूहों में आकर लोगों ने न केवल दुनिया की दो प्राचीनतम सभ्यता और संस्कृति को जाना बल्कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना को मूर्त रूप होते हुए देखा है। श्री आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व करता है तो तमिलनाडु भी इसी परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। जो कि इस आयोजन के जरिए साकार किया जा रहा है।

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की पहल पर काशी तमिल संगमम का ऐतिहासिक आयोजन हुआ और स्वयं प्रधानमंत्री जी ने इस आयोजन का शुभारंभ किया। आज केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी समापन अवसर पर मौजूद हैं।

श्री प्रधान ने कहा कि इस आयोजन के जरिए दो संस्कृतियों का मिलन हुआ। इस संगमम में काशी और तमिल का जुड़ाव तो हुआ ही साथ ही काशी और तमिलवासियों को बहुत कुछ सीखने का अवसर भी मिला। इससे काशीवासियों को तमिल भाषा, साहित्य एवं संस्कृति को आत्मसात करने का अवसर भी मिला है।

श्री प्रधान ने कहा कि काशी तमिल संगमम की सफलता इसी से परिलक्षित होती है कि बीएचयू के ऐतिहासिक परिसर में 2 लाख से अधिक लोग पहुंचे। वहीं लाखों लोग डिजिटल माध्यम से जुड़े रहे। कार्यक्रम में तमिलनाडु और काशी के 1500 से अधिक कलाकार, 300 से अधिक विशिष्ट अतिथि, 75 विशेषज्ञ वक्ता शामिल हुए।

तमिलनाडु के राज्यपाल श्री रविंद्र नारायण रवि ने कहा कि इस पर्व से हजारों साल पुरानी काशी और तमिल के बीच जो घनिष्ठ संबंध रहा है उसे पुर्नजीवित किया जा रहा है। श्री रवि ने कहा कि यह पर्व भले ही आज समाप्त हो रहा है लेकिन आने वाले दिनों में यह संबंध और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि इस संगमम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सोच को साकार किया गया। इस संगमम से एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान को और ताकत मिलेगी।

केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास विभाग के मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने इस अवसर पर कहा कि इस भव्य कार्यक्रम के जरिए काशी और तमिल का पुराना मिलन पुर्नजीवित हुआ है। इस आयोजन के जरिए भारत की विविधता को एकता में पिरोया गया है। श्री रेड्डी ने कहा कि इस आयोजन के जरिए एक भारत श्रेष्ठ भारत को साकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदी और तमिल भाषा अलग—अलग हो सकती है लेकिन भावना एक ही है।

समापन समारोह के दौरान आयोजित सांस्कृतिक संध्या में तमिलनाडु और स्थानीय लोक कलाकारों के समूह द्वारा गायन वादन एवं नृत्य की मनोहारी एवं प्रभावशाली प्रस्तुति ने उपस्थित श्रोताओं का मन मोंह लिया।

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को कायम रखने के लिए काशी तमिल संगमम का आयोजन किया गया था। एक महीने तक चलने वाले इस महोत्सव का उद्घाटन 19 नवंबर 2022 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। सम्मेलन का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुर्नजीवित करना था। तमिलनाडु के सांस्कृतिक और लोक कलाकारों, साहित्यकारों, उद्यमियों, किसानों, धार्मिक लोगों, खिलाड़ियों आदि के छोटे जत्थों में 2,500 से अधिक प्रतिनिधियों ने काशी तमिल संगमम उत्सव में भाग लिया। तमिलनाडु से आए समूहों ने काशी के अलावा प्रयागराज और अयोध्या का भी भ्रमण किया। सम्मेलन में उत्तर और दक्षिण के लोगों के बीच शिक्षा, कला और संस्कृति, साहित्य, खेल आदि के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के अलावा कला, फिल्म, हथकरघा और हस्तशिल्प आदि की प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। एक माह के महोत्सव में केंद्रीय मंत्रियों के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री गण और गणमान्य अतिथि समय—समय पर आते रहे।

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