महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में छात्र नेताओं ने जल जमाव का विरोध करते हुए लगाए धान

Aman Pandey
Aman Pandey
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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में छात्र नेताओं ने जलभराव और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। 8 अक्टूबर को होने वाले 43वें दीक्षांत समारोह से पहले, छात्रों ने मानविकी संकाय स्थित पानी से भरे पार्क में धान की रोपाई की।

विश्वविद्यालय का 43वां दीक्षांत समारोह 8 अक्टूबर को सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है। छात्र नेताओं ने मानविकी संकाय के पार्क में जलजमाव पर विरोध जताते हुए धान रोपी। उनका कहना है कि यह विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार का प्रतीक है।

छात्रों ने आरोप लगाया कि पिछली बार राज्यपाल ने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए ढाई करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, लेकिन यह योजना केवल कागजों पर ही रह गई। इसके परिणामस्वरूप, विश्वविद्यालय परिसर में जगह-जगह पानी भरा हुआ है। छात्रों ने धान की रोपाई कर इस भ्रष्टाचार को उजागर करने का दावा किया।

छात्र नेताओं ने यह भी कहा कि दीक्षांत समारोह रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में इसलिए आयोजित किया जा रहा है, ताकि विश्वविद्यालय परिसर में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताएं राज्यपाल तथा उच्च शिक्षा व राज्य शिक्षा मंत्री को दिखाई न दें। छात्रों ने इस कदम का भी विरोध किया।

छात्रों के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को कई मुद्दों में धनराशि दी गई, लेकिन उसका दुरुपयोग किया गया। एसटीपी के लिए ढाई करोड़ रुपये दिए गए थे ताकि बारिश और सीवर का पानी ट्रीट हो सके, लेकिन केवल एक टंकी बनाई गई। मानविकी संकाय का पार्क इसका जीता-जागता उदाहरण है, जहां तीन दिन की बारिश का पानी अभी भी जमा है। इसी स्थिति के विरोध में छात्रों ने धान की रोपाई की।

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