कुशीनगर | अरुणाचल प्रदेश से लद्दाख की दूरी लगभग 3500 किलोमीटर बताई जाती है और इतनी ही दूरी तय करने के लिए दो युवा अरुणाचल प्रदेश से पैदल ही निकल चुके हैं, इन युवकों के अनुसार वह अरुणाचल प्रदेश से बीते 10 अप्रैल से निकले हैं और 72 दिनों की यात्रा करके मंगलवार दोपहर महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर पहुंचे। यहां पहुंचने पर रोटरी क्लब कुशीनगर के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने होटल कलश में इन दोनों नौजवानों का माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा इनको अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह और रोटरी का फ्लैग देकर सम्मानित किया। दोनों नौजवानों में एक सत्यजीत पवार मुंबई के रहने वाले हैं और दूसरे विश्वजीत सरकार पश्चिम बंगाल के हैं। दोनों अरुणाचल प्रदेश में एकत्रित हुए और वहां से पदयात्रा करते हुए लद्दाख के लिए निकल पड़े हैं।
इस दौरान दोनों युवा अपनी यात्रा पर एक पुस्तक भी लिख रहे हैं 5 से 6 महीने की इनकी यह यात्रा लद्दाख में जाकर पूरी होगी। इन लोगों ने बताया कि राह चलते रात्रि विश्राम के लिए हम पेट्रोल पंप, टोल टैक्स अथवा पुलिस स्टेशन का उपयोग करते हैं, जहां इन लोगों को भोजन इत्यादि की व्यवस्था स्थानीय लोगों द्वारा कर दी जाती है और दिन में चलते फिरते यह लोग होटल इत्यादि में भोजन करते हैं।
दोनों कंधे पर तिरंगा झंडा और यात्रा का सामान लिये दोनो नौजवान अपने इस लंबे सफर को पूरा करने के लिए इस कड़ी धूप में पैदल चलते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इन्होंने बताया कि इनका उद्देश्य अलग-अलग राज्यों की सभ्यता, संस्कृति व रीति-रिवाजों को जानना है तथा साथ ही अधिक से अधिक लोगों को रुक-रुक कर को पर्यावरण को बचाने हेतु पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना है।
इस अवसर पर रोटरी के सचिव वाहिद अली, कोषाध्यक्ष गौरव मद्धेशिया, वरिष्ठ सदस्य अजय सिंह, निदेशक दिनेश यादव, राजीव जायसवाल लक्ष्य, अभिषेक पान्डेय, आलोक यादव एवं आदर्श शुक्ला के साथ अन्य सदस्य उपस्थित रहे।