वाराणसी । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इस वर्ष दिसंबर के मध्य में 102वां दीक्षांत समारोह होना है। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेना हर एक छात्र छात्रा का सबसे यादगार पल होता है।
लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के नोटिस की अनुसार 2019 20 और 2020 21 में पास होने वाले छात्र छात्राओं को दीक्षांत समारोह के माध्यम से उपाधि नहीं देने की बात सामने आयी है।
जो हम सभी के साथ स्पष्ट रूप से एक भेदभाव व तानाशाही पूर्ण रवैया दर्शाता है। पुरातन छात्र छात्राएं विश्वविदयालय का गाँरव होते हैं और हम सभी हर संभव विश्वविद्यालय के नाम को और प्रसिदधि की ओर ले जाना चाहते हैं।
अतः महोदय हमारी मांग है कि विश्वविदयालय की परंपरा के अनुसार 2019 20 और 2020 21 में पास होने वाले सभी छात्र छात्राओं को भी दीक्षांत समारोह के माध्यम से उपाधि दी जाये व हमारे इस विषय को संज़ान में लेते हुए जल्द से जल्द एक आधिकारिक नोटिस जारी कर सूचना विश्वविद्यात्रय स्तर पर प्रेषित की जाए।
हमें आशा है कि हमारी मांग विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द पूरी करेगा, जो विश्वविद्यालय के लिए भी गौरव की बात है। हम सभी छात्र छात्राएं लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास रखते हैं, मांग पूरी न होने पर हम अपने अधिकारों के अनुसार आंदोलन व गतिविधियों के लिए बाध्य होंगे। जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।
बाइट: प्रोफेसर विनय पांडे डिप्टी चीफ प्रॉक्टस
बाइट: विपुल कुमार सिंह
फोटो:वीडियो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)