काशी के कारीगरों द्वारा निर्मित 3000 किलो का घंटा मथुरा के लिए रवाना हुआ, भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलास्थली रमणरेती धाम, महावन, मथुरा में तीन हजार किलो वजन का घंटा लगेगा। यह जानकारी गुरु कार्ष्णि विद्याभवन
वाराणसी के ट्रस्टी स्वामी ब्रजेशानन्द सरस्वती ने दी। यमुना तट पर बसी मथुरा से कुछ दूर गोकुल क्षेत्र में स्थित रमणवन या रमणरेती नामक यह स्थान बीते युग की कहानियों से सुशोभित है। यहां की रेत पर श्रीकृष्ण अपने चरवाहे मित्रों के साथ खेलने आते थे।
यह वह स्थान है जिसे श्रीकृष्ण ने अपने प्यार राधा से मिलने के लिए चुना था। वर्तमान में रमणरेतीधाम विशाल परिसर में फैला हुआ है। आठ कारीगरों के द्वारा 15 महीने में तैयार किया लगभग तीन हजार किलो वजन के इस घंटे को ढालने में मुख्य धातु पीतल के साथ कुछ अन्य धातुओं का भी इस्तेमाल किया गया है।
इसे गुरुशरणानन्द जी के सानिध्य में आयोजित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के साथ रमणरेतीधाम में स्थापित किया जाएगा। मंदिर के घंटे की आवाज कान में पहुंचने पर दर्शन जैसा ही लाभ मिलता है।
इस विशाल घंटे को आज सडक मार्ग कानपुर होते हुए मथुरा भेजा जा रहा है। सुबह शाम जब आरती होगी मशीन के द्वारा वह घंटा बजाया जाएगा घंटे पर मयूर कलश बैल गाय हाथी के चित्र बने हुए हैं
अशोक पांडेय, मीडिया प्रभारी उत्तर प्रदेश ( उत्तम सवेरा न्यूज )