भूमिपूजन, 40 करोड़ की लागत से निर्मित, 135 कमरों की धर्मशाला, श्रद्धालुओ को मिलेंगी सहूलियतें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

Uttam Savera News
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भूमिपूजन, 40 करोड़ की लागत से निर्मित, 135 कमरों की धर्मशाला, श्रद्धालुओ को मिलेंगी सहूलियतें, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

वाराणसी। नाटकोट्टम क्षत्रम द्वारा दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं के लिए काशी में निर्मित होने वाली श्री काशी नटूकोट्टई नगर क्षत्रम धर्मशाला का भूमिपूजन किया गया। इस दौरान शहनाई के मंगल धुन के साथ मंत्रोच्चार व ढोल-नगाड़ों की धुन से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण व तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रेगुपति समेत कई विशिष्टजन शामिल रहे। 40 करोड़ की लागत से बनने वाली आधुनिक सुविधाओं से युक्त इस धर्मशाला का निर्माण अक्तूबर 2025 तक पूर्ण होने के बाद श्रद्धालुओं को समर्पित कर दिया जाएगा। यहां ठहरने वालों को कोई किराया नहीं देना होगा। श्रद्धालु अपनी इच्छानुसार दान दे सकेंगे। सिगरा स्थित नटराज सिनेमा के सामने क्षत्रम की जमीन पर बनने वाली दसमंजिला धर्मशाला में 135 कमरे होंगे।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस धर्मशाला से काशी आने वाले पर्यटकों को काफी सहूलियत होगी। जहां तक धर्मशाला के निर्माण में सहयोग का सवाल है तो तमिलनाडू के एक दानदाता ने तीन करोड़ की सहायता का ऐलान किया है। जिसमें उन्होंने दो करोड़ आज ही डेमो चेक के रुप में कमेटी को सौंपा है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही दानदाताओं व धर्मावलंबियों के सहयोग से पुरातन एवं एतिहासिक मंदिरों का जीर्णोद्वार व पुर्ननिर्माण हो रहा है। दानदाताओं एवं आस्थावानों के बदौलत ही कमोडिया जेसे देश में भी शिव मंदिर सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि रेशमी कागजों से लिपटा मंच पर रखे ईट पर शिव शिव लिखा हुआ है। यह कारसेवा या सहयोग देने का बड़ा कदम है। इस एक ईट का मतलब 10 हजार रुपये की सहयोग राशि है।

उन्होंने कहा कि धार्मिक कार्यो में आम जनमानस की सहभागिता बहुत जरुरी होता है। उन्होंने पहला ज्योर्तिंलिंग सोमनाथ का जिक्र करते हुए कहा कि इसके पुर्ननिर्माण में केएम मुंशी ने बड़ा योगदान दिया है। इससे समझा जा सकता है कि योगदान भारत का चरित्र है। तबके गृहमंत्री सरदार पटेल ने जब हैदराबाद निजाम को भारत से जोडा तो उसमें भी केएम मुंशी का बड़ा योगदान था।

सोमनाथ मंदिर में भी बिना सरकारी सहयोग के आमजनमानस की मदद से दिव्य एवं भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। उन्होंने मुगल आका्रंताओं का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान हजारों मंदि तोड़े गए लेकिन मध्य प्रदेश का अहिल्या बाई होल्कर जैसे धर्मवीर व दानदाताओं के सहयोग से फिर से मंदिरो का जीर्णोद्वार कराया गया। उसमें एक काशी विश्पवनाथ मंदिर भी एक है। इस तरह इस धर्मशाला में भी छोटी छोटी राशि सहयोग से भव्य एवं दिव्य बनाया जा सकता है।

क्षत्रम के अध्यक्ष लेना नारायण ने बताया कि पिछले 210 वर्षों से लगातार दिन में तीन बार भगवान विश्वनाथ और मां विशालाक्षी को पूजन सामग्री भेजते हैं। क्षत्रम ने यह जमीन 23 नवंबर 1894 में महज पांच हजार रुपये में खरीदी थी। उन्होंने बताया कि 65 हजार स्क्वायर फीट जमीन को बाबा विश्वनाथ के लिए फूल और विल्व पत्र अर्पित करने के लिए खरीदा गया था। पिछले 50 साल से जमीन, पर अवैध कब्जे को शासन व प्रशासन की मदद से हटवाया गया। अब इस पर 135 कमरों वाली 10 मंजिला धर्मशाला श्री काशी नकोट्टई नगर क्षत्रम का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही यहां छात्रावास, आवास और बैंक्वेट हॉल भी होगा।

इस धर्मशाला का नाम श्रीकाशी नटूकोट्टई नगर क्षत्रम होगा। इसका निर्माण डेढ़ साल में पूरा हो जाएगा। अक्तूबर 2025 में धर्मशाला को श्रद्धालुओं को समर्पित कर दिया जाएगा। धर्मशाला को दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिहाज से निर्मित कराया जा रहा है। काशीवास की इच्छा रखने और काशी का भ्रमण करने वाले श्रद्धालुओं को इससे सुविधा मिलेगी।

इस मौके पर विधायक सौरभ श्रीवास्तव, काशी हिन्दू विश्व विधालय के कुलपति सुधीर जैन, काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी श्रीकांत तिवारी व वैंकेटेश रमन सहित कई दक्षिण भारतीय श्रद्धालु व नाटकोट्टम क्षत्रम के सदस्य मौजूद रहे।

अशोक पांडेय, मीडिया प्रभारी उत्तर प्रदेश ( उत्तम सवेरा न्यूज )

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