वाराणसी |आज दिनांक 22 जून को बनारस रेल इंजन कारखाना में प्राविधिक प्रशिक्षण केन्द्र के ऑडिटोरीयम में विपरीत परिस्थितियों के समय हृदय गति रूक जाने के उपरान्त जीवन रक्षा करने के उद्देश्य से समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राजकीय चिकित्साधिकारी डॉक्टर शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी द्वारा कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (सी.पी.आर.) का प्रशिक्षण दिया गया । डॉक्टर द्विवेदी ने बताया कि सी.पी.आर इमरजेंसी की हालत में इस्तेमाल की जाने वाली एक मेडिकल थैरेपी है जिससे आपात स्थिति में बेहोश व्यक्ति के कार्डियक अरेस्ट और सांस न ले पाने जैसी अवस्था में जान बचाई जा सकती है | सीधे शब्दों में कहें तो कई बार किसी व्यक्ति की अचानक सांस रुक जाती है या फिर कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में किसी को सांस नहीं आती है तो सी.पी.आर दिया जाता है | सी.पी.आर की प्रक्रिया से सांसें दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है जिससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होने लगता है |
अगर व्यक्ति की सांस या धड़कन रुक गई है तो पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना शरीर की कोशिकाएं बहुत जल्द खत्म होने लगती हैं और इसका असर दिमाग पर भी पड़ने लगता है, जिससे कई बार व्यक्ति की मौत भी हो जाती है | ऐसी स्थिति में सी.पी.आर बहुत ही कारगर होता है एवं जान बचने की संभावना बढ़ जाती है एवं कई जानें बचाई जा सकती हैं | सी.पी.आर कोई दवा या इंजेक्शन नहीं है अपितु एक तरह की प्रक्रिया है, जिसे मरीज के शरीर पर सांस रुकने पर सांस वापस लाने तक या दिल की धड़कन सामान्य हो जाने तक छाती को झटके से ज़ोर से दबाया जाता है, जिससे शरीर में पहले से मौजूद वाला खून संचारित होने लगता है |
इस अवसर पर प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर अमिताभ एवं प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने डॉक्टर द्विवेदी की जीवन रक्षार्थ कार्य करने के लिये सराहना की साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएँ दी | कार्यशाला में मुख्य रूप से प्रमुख वित्त सलाहकार योगेश कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर देवेश कुमार, प्रमुख मुख्य इंजीनियर हीरेन्द्र सिंह राना, मुख्य सतर्कता अधिकारी पी. के. चौधरी, वि.स.एवं मु.ले.अधि. जी. के. मीणा, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर/एस. इ. सुनील कुमार, प्राविधिक प्रशिक्षण केंद्र प्रधानाचार्य रामजन्म चौबे, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार, ए.डी.एम.ओ. डॉ. विशाल मिश्रा, महाप्रबंधक ओ.एस.डी. वि. के. कुमावत एवं जन संपर्क अधिकारी राजेश कुमार सहित काफी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारीगण लाभान्वित हुए | कार्यशाला का संचालन प्रमुख मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर देवेश कुमार ने किया ।