वाराणसी | सरकार किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दे रही है। अब समय की मांग है कि जलवायु परिवर्तन के खतरे को देखते हुए हमे प्राकृतिक खेती पर जोर देना चाहिए। जलवायु परिवर्तन की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान धरती और जल का ही हुआ है।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बीएचयू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘सुफलाम्’ में उपस्थित 300 कृषि वैज्ञानिकों को सम्बोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने भारत द्वारा G-20 सम्मलेन में मेजबानी किये जाने को गर्व की बात बताया। उन्होंने आगे कहा कि ‘धरती माता के साथ खिलवाड़ गलत है, जो हर हाल में बंद होना चाहिए।
इसके लिए यह जरूरी है कि केमिकल युक्त खेती की जगह गौ आधारित प्राकृतिक खेती की जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा की ‘गंगा किनारे के जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
इसके लिए प्राकृतिक परिषद का गठन किया गया है। सीएम योगी ने कहा कि खुद के विकास के लिए लोग पर्यावरण को जहरीला बनाते जा रहे हैं। जीवन का अस्तित्व पांच तत्वों क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा से ही है।
इसे अब बचाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अगले एक वर्ष तक भारत जी-20 देशों का नेतृत्व करके दुनिया को नया मार्गदर्शन देगा। यह भारत के लिए गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुंभ में 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे और दुनिया के सामने सुरक्षा, सुव्यवस्था व स्वच्छता का एक बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत हुआ था।
फोटो:वीडियो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)