मेघालय के पूर्व राज्यपाल वी शनमुगनाथन ने महामना मालवीय गंगा शोध केन्द्र का किया विजिट :-

Uttam Savera News
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वाराणसी | मुख्य अतिथि वी शनमुगनाथन, पूर्व राज्यपाल, मेघालय ने गंगा शोध केन्द्र काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में गंगामित्रों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्ष्यता प्रो. बी.डी. त्रिपाठी, प्रख्यात पर्यावरण वैज्ञानिक एवं चेयरमैन महामना मालवीय गंगा शोध केन्द्र ने की।

इस अवसर पर प्रो. त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुये गंगा शोध केन्द्र पर होने वाले गंगामित्र प्रशिक्षण, गंगा पर किये गये रिसर्च एवं वर्तमान में प्रयागराज से बलिया तक गंगा जीर्णोद्धार हेतु चल रही गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया।

मुख्य अतिथि ने प्रोफसर त्रिपाठी को पर्यावरण वैज्ञानिक के साथ उन्हें ’गंगा ऋषि’ पदवी से सम्मानित किया। प्रोफेसर त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि से कहा कि ग्रामीण महिलाओं एवं नवयुवतियों की भागीदारी इस बात का संकेत है कि ग्रामीण लोग भी गंगा एवं पर्यावरण सरंक्षण को लेकर जारूगक हो गये हैं। सरकार के गंगा व स्वच्छता अभियान के लिये एक महत्वपूर्ण संदेश है।

गंगामित्रों के साथ विचार-विर्मश के दौरान गंगामित्रों ने अपनी गतिविधियों को साझा किया। प्रयागराज में कार्यरत गंगा कोआर्डिनेटर राम सिंह वर्मा ने कहा कि सैदाबाद प्रयागराज में अब ग्रामीण महिलाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लेने शुरू कर दिया है। मुख्य अतिथि वी शनमुगनाथन
ने गंगामित्रों को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, में होने वाली गंगा क्विज प्रतियोगिता में विजयी गंगामित्रों को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किया।

इस दौरान प्रो. त्रिपाठी द्वारा लिखी एवं भारत सरकार नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित पुस्तक ’दी गंगा-ग्लोरियस पास्ट’ पुस्तक मुुख्य अतिथि को भेट की। कार्यक्रम का संचालन गंगा शोध केन्द्र से सी. शेखर एवं एवं धन्यवाद ज्ञापन वैभव पाण्डेय ने किया।

इस अवसर पर गंगामित्रों में राम सिंह वर्मा, संघमित्रा, धर्मेन्द्र पटेल, निधि तिवारी, नीतू पटेल, घनश्याम, रूपा पटेल, धर्मेन्द्र राय, कुमारी सिनू, सनद, सीमा, प्रीति पटेल ने अपने विचारों को साझा किया।

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