काशी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी शाखाओं में पांच आयामों “सामाजिक समरसता कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण, स्वदेशी भाव का जागरण एवं नागरिक कर्तव्य का बोध के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन का लक्ष्य प्राप्त करेगा। शताब्दी वर्ष तक सभी मण्डलों बस्तियों तक संघ की शाखाएं पहुंच जाएंगी। इसके लिए चरणबद्ध योजना तैयार कर ली गयी हैं। समाज में विभेद के विरुद्ध विमर्श खड़ा करना तथा समरसता के लिए निरंतर प्रयास करना इस कार्ययोजना का लक्ष्य है। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, काशी प्रान्त के प्रान्त कार्यवाह मुरलीपाल जी ने विश्व संवाद केन्द्र काशी कार्यालय पर बतायी। वे हरियाणा के समलखा में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में सम्मिलित होने के पश्चात काशी लौटकर आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने आगे बताया कि बैठक में जानकारी में दी गयी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन का लक्ष्य प्राप्त करने में काशी प्रान्त पूरे देश में अग्रणी है। गत दिसम्बर में सम्पूर्ण काशी प्रान्त में टोली बनाकर 352 स्थानों पर शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवकों द्वारा शाखा क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया जिसमें मतान्तरण, छुआछूत, साक्षरता की कमी, लव जिहाद, पारीवारिक कलह, पेयजल समस्या, वाचनालय एवं पुस्तकालयों की समस्या समेत 12 प्रमुख समस्याएं प्रकाश में आयी स्वयंसेवकों ने इन समस्याओं का समाधान जगह-जगह टोली बनाकर किया। उदाहरण स्वरूप केराकत (जौनपुर) के बेलहरी में स्वयंसेवकों ने मिलकर गांव को व्यसन मुक्त कर दिया। वर्तमान में यह गांव उपरोक्त समस्याओं से मुक्त है। गांव में समरसता का वातावरण है। यहां मनाये जाने वाले बेलहरी महोत्सव में गांव से दूर रहकर जीवन यापन करने वाले लोग भी अपना योगदान देते हैं। इसी प्रकार गंगापार (प्रयागराज ) के ढोकरी गांव में काशी विद्यापीठ ब्लाक (वाराणसी) के जयापुर गांव में, सुलतानपुर के डोमनपुर गांव में एवं लालगंज (मीरजापुर) के मजियार गौरा ( छानबे ब्लाक ) व विरोही गांव में सामाजिक समरसता एवं सद्भाव का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि काशी प्रान्त के मुख्य मार्गों पर पड़ने वाले गांव करने में हिन्दुत्व राष्ट्रीयता का जागरण चल रहा है।
उन्होंने काशी प्रान्त की उपलब्धि के बारे में बताते हुए कहा कि काशी प्रान्त में वर्तमान में 1793 स्थानों पर 2639 शाखाएं लगायी जा रही हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में काशी प्रान्त के 26 जिलों में से सर्वाधिक शाखायुक्त 18 जिले पूर्ण हो चुके हैं काशी प्रान्त का लक्ष्य यह है कि वर्ष 2024 तक 145 खण्डों में शाखाएं हो जायेंगी एवं वर्ष 2025 तक सभी जिलों के सभी खण्ड एवं मण्डल शाखायुक्त हो जाएंगे। इस निमित्त चरणबद्ध योजनाएं भी तैयार कर ली गयी हैं। प्रत्येक मण्डल एवं बस्ती के लिए एक-एक प्रवासी कार्यकर्ता की नियुक्ति की जाएगी, जो शाखा विस्तार के लिए कार्य करेंगे। इसके लिए 1500 अल्पकालिक विस्तारक भी निकलेंगे। आगामी मई मास 2023 में सुलतानपुर में पूर्वी उ०प्र०क्षेत्र के तीन संघ शिक्षा वर्ग आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के चारो प्रान्त काशी, गोरक्ष, अवध एवं कानपुर के प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इसके अतिरिक्त अकेले काशी प्रान्त में संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के दो शिक्षा वर्ग (सामान्य) सहसो (प्रयागराज ) एवं बाबतपुर (वाराणसी) में आयोजित किये जाएंगे।
श्री मुरलीपाल ने बताया कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में वार्षिक प्रतिवेदन सहित आगामी कार्य दृष्टि के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव भारत के अमृतकाल और संघ के सौंवें वर्ष की ओर बढ़ती यात्रा के समय में समाज को दिशा देने का कार्य करेगा। ऐसे समय में जब भारत वैश्विक नेतृत्व के पथ पर निरंतर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है, तब नागरिकों को यह समझने की आवश्यकता है कि इस पथ पर कांटे कौन बिछाना चाहता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और समस्त समाज राष्ट्र के नवोत्थान की राह में आने वाले सभी कटकों को दूर करने के लिए कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि देश के अमृतकाल में नैरेटिव बदलने चाहिए, भारत के प्रश्नों पर भारत के ही उत्तर होने चाहिए। विकृत इतिहास के स्थान पर सही इतिहास बताना चाहिए और युगानुकूल रचनाएं होनी चाहिए।
बैठक में प्रस्ताव के अतिरिक्त महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्म जयंती, छत्रपति शिवाजी महाराज के
राज्यारोहण के 350वें वर्ष और महावीर स्वामी के निर्वाण के 2550वें वर्ष पूर्ण होने पर तीन वक्तव्य भी जारी किये गए।
प्रान्त कार्यवाह ने बताया कि विजयादशमी 2025 में संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसके लिए कार्य विस्तार तथा कार्य की गुणात्मकता बढ़ाने की योजना बनी है। स्थान-स्थान पर ग्राम बस्तियों की परिस्थिति का अध्ययन कर वहां की समस्याओं के समाधान की दिशा में शाखा के स्वयंसेवक समाज को जोड़कर प्रयास करेंगे। ऐसे प्रयोग अब भी किए जा रहे हैं, जिनकी चर्चा भी प्रतिनिधि सभा में हुई। उन्होंने कहा कि संघ जनसंख्या असंतुलन के प्रति चिंतित है, जिसका जिक्र समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन और
महात्मा गांधी भी कर चुके हैं।
प्रान्त कार्यवाह ने कहा कि भारत तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है. सामरिक और कूटनीति मोर्चों में बढ़ती महत्ता से सभी परिचित हैं, ऐसे समय में भारतीय समाज को एकजुट होकर सर्वागीण विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करना है। देश और विदेश में ऐसी अनेक शक्तियां हैं जो भारत को इस रास्ते पर आगे बढ़ने से रोकना चाहती हैं, किंतु स्व के बोध के साथ हमें मिलकर इन शक्तियों को प्रभावशून्य बनाना है। प्रतिवेदन के अनुसार देश में संघ की शाखाओं की संख्या 62 हजार से बढ़कर 68 हजार तक पहुंची है। आगामी वर्ष में इस संख्या को एक लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। संघ की शाखाओं में तीन महीने में एक परिवार मिलन रखने का भी निर्णय लिया गया है।
वीडियो: अशोक पाण्डेय (उत्तम सवेरा न्यूज़, मीडिया प्रभारी, उत्तर प्रदेश)