वाराणसी से प्रतिबंधित कफ सीरप से करोड़ों की तस्करी करने वाले माफिया शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद जायसवाल के खिलाफ कमिश्नरेट पुलिस भी एक्शन मोड में है। ड्रग तस्कर की मदद में नेताओं और पुलिस की भूमिका पर उठते सवालों के बीच पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी टीम का गठन किया है।
एसआईटी टीम शुभम जायसवाल, उसके परिजनों और दोस्तों समेत करीबियों की कुंडली खंगालेगी। शुभम के पिछले 10 साल में अवैध कारोबार से कमाए गए धन और उससे खरीदे गए मकान, कॉम्पलेक्स, मार्केट और होटल के भी दस्तावेज और टर्न ओवर निकालेगी।
इस टीम में एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी. को अध्यक्ष बनाया गया है। एसीपी कोतवाली अतुल अंजान त्रिपाठी को सदस्य और इंस्पेक्टर कोतवाली दयाशंकर सिंह इसके विवेचक रहेंगे। टीम की पूरी वर्किंग पर डीसीपी काशी निगरानी करेंगे और हर सप्ताह इस जांच की प्रगति पर चर्चा करेंगे।
अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला जायसवाल सहित काशी के 28 दवा कारोबारियों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। आरोप है कि 100 करोड़ की 89 लाख शीशी प्रतिबंधित कफ सिरप खरीदी और बेची गई। काशी के ही 93 मेडिकल स्टोर के नाम पर 84 लाख शीशी प्रतिबंधित कप सिरफ खरीदी-बेची गई है। जिस मेडिकल स्टोर के नाम पर कारोबार दिखाया गया उनमें से ज्यादातर मौके पर नहीं मिले।
उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने शनिवार को कोडीन युक्त प्रतिबंधित कफ सिरप और नॉरकोटिक्स (एनआरएक्स) की श्रेणी में शामिल औषधियों के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ किया है। काशी से बंगाल और बांग्लादेश तक फैले इस अवैध कारोबार के नेटवर्क के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।
